कटनी। कोरोना काल में सबसे ज्यादा बच्चों के पढ़ाई का नुकसान हुआ है. हालांकि अनलॉक में सरकार ने स्कूल खोलने की अनुमति दी है, लेकिन फिर भी बढ़ते संक्रमण के कारण अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए कटनी के एक शिक्षक ने अनूठा प्रयोग किया. कोरोना काल में बच्चे स्कूल नहीं जा रहे तो क्या शिक्षक खुद ही स्कूल लेकर बच्चों के घर पहुंच रहे हैं.
कटनी के विकासखंड ढीमरखेड़ा की एकीकृत माध्यमिक शाला के सहायक शिक्षक महेंद्र सिंह ठाकुर ठेले लेकर बच्चों को पढ़ाने पहुंचते हैं. महेंद्र सिंह ठाकुर अपनी चलित क्लास में किताबें, पढ़ने-लिखने में इस्तेमाल की जाने वाली समाग्री, टीवी, लैपटॉप, ऑडियो वीडियो, साउंड सिस्टम सहित कोरोना वायरस के मद्देनजर मास्क, सैनिटाइजर और तापमान नापने वाली मशीन (थर्मल स्कैनर) लेकर चलते हैं. शिक्षक महेंद्र सिंह ठाकुर का कहना है कि अलग अलग मोहल्ले में जाकर एक दिन में बच्चों की सभी विषयों की क्लासे लगाते हैं.
शिक्षक महेंद्र सिंह ठाकुर का कहना है कि जैसे ही क्लासेस शुरू होने वाली रहती है वे लाउडस्पीकर से अनाउंसमेंट करते हैं, जिसके बाद मोहल्ले के बच्चे एक जगह पर इकठ्ठा हो जाते हैं. आने के बाद बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ क्लास में बैठाया जाता है और फिर पढ़ाई शुरु होती है. शिक्षक का कहना है कि आदिवासी अंचल में बेहतर मोबाइल कनेक्टिविटी और मोबाइल की सुविधा नहीं होने के कारण ऑनलाइन पढ़ाई संभव नहीं है. इस कारण ठेले में पढ़ाई की सामग्री लेकर बच्चों को पढ़ाते हैं. गांव में बच्चे अब महेंद्र सिंह ठाकुर को ठेला वाले गुरूजी कहते हैं.