कटनी। करीब 100 साल पुराना शहर का प्रसिद्ध सत्यनारायण मंदिर इस साल जन्माष्टमी के अवसर पर सूना रहा. हर साल यहां भगवान श्रीकृष्ण के जन्म उत्सव पर शहर सहित आस-पास के गांव से हजारों श्रद्धालु पहुंचते थे. मंदिर में भगवान की बाल लीलाओं की झांकी, उनकी संस्कृति और मेले का आयोजन किया जाता था, लेकिन इस साल मंदिर में सन्नाटा पसरा हुआ है. राजस्थान और कोलकाता से भगवान को सजाने आने वाले कलाकार भी इस साल कोरोना संक्रमण के चलते मंदिर नहीं पहुंचे.
देशभर में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण के कारण फिलहाल लोग घरों से बाहर निकलने में कतरा रहे हैं. इस साल मंदिर की आकर्षक साज-सज्जा भी नहीं की गई. अनलॉक के दौरान जारी दिशा-निर्देशों के तहत मंदिरों को खोलने की अनुमति तो दे दी गई है, लेकिन मेला और झांकी के आयोजन को रद्द करने के आदेश दिए गए हैं, जिस वजह से इस बार मंदिर में विशाल आयोजन नहीं किया गया. बता दें, जन्माष्टमी के मौके पर मंदिर में बांके बिहारी का पूजन-अर्चन भी प्रशासन की गाइडलाइन को ध्यान में रखकर किया जाएगा.
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शहर के पुराने गोविंद देव जी मंदिर में भी इस साल कोरोना वायरस के चलते झांकी नहीं सजाई गई है. मंदिर में बाहर से आए कलाकार हर साल 3D रंगोली बनाकर भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को दर्शाते थे, लेकिन इस साल मंदिर में सिर्फ पूजन-अर्चना ही होगा. वहीं शेर चौक स्थित श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर में भी कोरोना संक्रमण के कारण विशेष आयोजन नहीं किए जाएंगे.