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Maize Farming : कटनी जिले के गांवों में पानी के अभाव में मक्के की खेती आधी हो गई

कटनी जिले के कुछ गांवों में मक्के की फसल जोरदार होती थी. लेकिन इस बार भूजल स्तर बहुत नीचे चले जाने के कारण बोवनी 50 फीसदी भी नहीं हुई. पानी की कमी से किसान परशान हैं. (Maize cultivation halved due to lack of water)

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Published : May 31, 2022, 7:07 PM IST

कटनी । देश में मक्के के लिए अपनी पहचान बना चुका है स्लीमनाबाद तहसील की ग्राम पंचायत तेवरी एक बार मक्के उत्पाद की कमी से जूझ रही है. कारण वर्षा पर्याप्त मात्रा में ना होना है. वर्षा की कमी से भूजल स्तर पर कमी आ गई है. इससे तेवरी के मक्का उत्पाद कृषकों ने इस खेती से हाथ खींच लिया है.

आधी खेती भी नहीं हुई : आलम यह है कि गत वर्ष की तुलना में बोवनी इस वर्ष 50 फीसदी हुई. बोवनी में कमी आने से किसानों को आर्थिक नुकसान भी होगा. किसान नारायण प्रसाद कुशवाहा, संतोष जैन, नंदू कुशवाहा, बैजनाथ काठी ने बताया कि देवली से लगे लखन वारा गुजरी नया गाना के बड़ी संख्या में कृषक मक्के की बोवनी कर वर्ष भर की आमदनी कर लेते थे. क्षेत्र का मक्का देशभर में निर्यात होता है, जिससे अच्छी आमदनी हो जाती थी, लेकिन इस वर्ष जल स्तर से मक्के की खेती में कमी आई है.

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ये मौसम मक्का बेचने का होता था : गत वर्ष हाइब्रिड मक्का की बोवनी 800 हेक्टर व स्वीट कार्न की बोवनी 200 हेक्टेयर में हुई थी, लेकिन इस वर्ष हाइब्रिड मक्के की बोवनी 400 वा स्वीट कार्न की बोवनी 80 सेक्टर पर हुई है. मक्का उत्पादक कृषकों ने बताया कि जुलाई-अगस्त में जब मक्का की फसल पककर तैयार हो जाती है तो राष्ट्रीय राजमार्ग 30 के किनारे दोनों ओर इसकी दुकानें सज जाती थीं, जिससे मक्का तो बाहर निर्यात के लिए जाता ही था. साथ राहगीर आगमन के दौरान मक्के का स्वाद लेते थे. जिले के तत्कालीन कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने भी मक्के की खेती को देखकर तेवरी में ही फूड प्रोसेसिंग की बात कही थी.

कटनी । देश में मक्के के लिए अपनी पहचान बना चुका है स्लीमनाबाद तहसील की ग्राम पंचायत तेवरी एक बार मक्के उत्पाद की कमी से जूझ रही है. कारण वर्षा पर्याप्त मात्रा में ना होना है. वर्षा की कमी से भूजल स्तर पर कमी आ गई है. इससे तेवरी के मक्का उत्पाद कृषकों ने इस खेती से हाथ खींच लिया है.

आधी खेती भी नहीं हुई : आलम यह है कि गत वर्ष की तुलना में बोवनी इस वर्ष 50 फीसदी हुई. बोवनी में कमी आने से किसानों को आर्थिक नुकसान भी होगा. किसान नारायण प्रसाद कुशवाहा, संतोष जैन, नंदू कुशवाहा, बैजनाथ काठी ने बताया कि देवली से लगे लखन वारा गुजरी नया गाना के बड़ी संख्या में कृषक मक्के की बोवनी कर वर्ष भर की आमदनी कर लेते थे. क्षेत्र का मक्का देशभर में निर्यात होता है, जिससे अच्छी आमदनी हो जाती थी, लेकिन इस वर्ष जल स्तर से मक्के की खेती में कमी आई है.

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