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Katni Paddy Theft: 7 करोड़ रुपए की धान चोरी, जानें वेयर हाउस से कैसे गायब हुईं अनाज से भरी 35 हजार बोरियां

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Published : Jan 8, 2023, 1:55 PM IST

कटनी जिले के बड़वारा से करोड़ों की धान चोरी को मामला सामने आया है. (Katni Paddy Theft) धान की सुरक्षा के लिए कंपनी ने कोई व्यवस्था नहीं की थी. 35 हजार बोरी धोन चोरी का दावा किया जा रहा है. फिलहाल पुलिस ने कोई मामला दर्ज नहीं किया है.

Katni Paddy Theft
कटनी में वेयर हाउस से 7 करोड़ रुपए की धान चोरी

कटनी। कटनी जिले के बड़वारा थाना क्षेत्र के मझगवां स्थित स्टेट वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के ओपन कैप से करोड़ों रूपए की धान चोरी होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. (Katni Paddy Theft) ठेका कंपनी ने धान की सुरक्षा के लिए किसी प्रकार की सिक्योरिटी के इंतजाम नहीं किए थे. जिसके लिए एसडब्ल्यूसी तथा स्थानीय पुलिस ने संबंधित कंपनी के साथ पत्राचार भी किया था. स्टेट वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन कटनी के जिला प्रबंधक वाई एस सेंगर ने बताया कि संभागीय स्तर पर क्रय की गई धान की देखभाल व सुरक्षा की जिम्मेदारी ठेके पर गो ग्रीन कंपनी को दी गई थी, कंपनी ने मझगवां स्थित वेयर हाउस के अलावा ओपन कैप में धान का भंडारण किया था. चोरी गई धान के मूल्य की रिकवरी अनुबंध शर्तों अनुसार संबंधित कंपनी से की जाएगी.

नहीं दर्ज हुई FIR: बड़वाडा थाना प्रभारी एसआई अंकित मिश्रा ने बाताया कि ठेकेदार कंपनी ने ओपन कैब से धान चोरी होने के संबंध में लिखित शिकायत दी थी. धान की देखभाल व सुरक्षा की जिम्मेदारी अनुबंध अनुसार ठेकेदार कंपनी की थी. ठेकेदार कंपनी ने ओपन कैब होने के बावजूद भी सुरक्षा की दृष्टि से CCTV और फेशिंग नहीं करवाई थी. सुरक्षा के लिए सिक्योरिटी गार्ड तक तैनात नहीं किये गये थे. कंपनी ने अनुबंध की शर्तो के पालन में पूरी तरह से लापरवाही बरती. कंपनी ने शिकायत में यह भी नहीं बताया था कि कितनी धान चोरी गई है. शिकायत संदिग्ध होने के कारण पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ओपन कैब से धान की लगभग 35 हजार बोरियां चोरी गई हैं. एक बोरी का मूल्य 1950 रुपए है. इस हिसाब से लगभग 7 करोड. रुपए का घोटाला हुआ है.

सरकारी धान हो गया चोरी... सवाल पूछने पर जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी की सीनाजोरी

करोड़ों का घोटाला: वेंडर कंपनी के प्रोजेक्ट हेड सौरभ मालवीय ने बताया कि ओपन कैप से कितनी धान चोरी गई इस संबंध में उन्हे जानकारी नहीं है. चोरी गई धान के मामले में संबंधित अधिकारियों के साथ चर्चा जारी है. धान चोरी होने के संबंध में पुलिस से शिकायत की गई थी. जानकारी के अनुसार ठेके कंपनी ने धान की सुरक्षा की जिम्मेदारी लक्ष्य सिक्योरिटी एजेंसी को दी थी. कंपनी ने जुलाई माह में 24 सिक्योरिटी गार्ड लगाए थे, जो आसपास के गांव में रहने वाले थे. ठेके कंपनी द्वारा सिर्फ एक माह का वेतन सिक्योरिटी गार्ड्स को दिया गया था. अगस्त, सितंबर तथा अक्टूबर माह का वेतन नहीं मिलने पर सिक्योरिटी गार्ड्स ने 15 नवंबर से काम बंद कर दिया था.

कटनी। कटनी जिले के बड़वारा थाना क्षेत्र के मझगवां स्थित स्टेट वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के ओपन कैप से करोड़ों रूपए की धान चोरी होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. (Katni Paddy Theft) ठेका कंपनी ने धान की सुरक्षा के लिए किसी प्रकार की सिक्योरिटी के इंतजाम नहीं किए थे. जिसके लिए एसडब्ल्यूसी तथा स्थानीय पुलिस ने संबंधित कंपनी के साथ पत्राचार भी किया था. स्टेट वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन कटनी के जिला प्रबंधक वाई एस सेंगर ने बताया कि संभागीय स्तर पर क्रय की गई धान की देखभाल व सुरक्षा की जिम्मेदारी ठेके पर गो ग्रीन कंपनी को दी गई थी, कंपनी ने मझगवां स्थित वेयर हाउस के अलावा ओपन कैप में धान का भंडारण किया था. चोरी गई धान के मूल्य की रिकवरी अनुबंध शर्तों अनुसार संबंधित कंपनी से की जाएगी.

नहीं दर्ज हुई FIR: बड़वाडा थाना प्रभारी एसआई अंकित मिश्रा ने बाताया कि ठेकेदार कंपनी ने ओपन कैब से धान चोरी होने के संबंध में लिखित शिकायत दी थी. धान की देखभाल व सुरक्षा की जिम्मेदारी अनुबंध अनुसार ठेकेदार कंपनी की थी. ठेकेदार कंपनी ने ओपन कैब होने के बावजूद भी सुरक्षा की दृष्टि से CCTV और फेशिंग नहीं करवाई थी. सुरक्षा के लिए सिक्योरिटी गार्ड तक तैनात नहीं किये गये थे. कंपनी ने अनुबंध की शर्तो के पालन में पूरी तरह से लापरवाही बरती. कंपनी ने शिकायत में यह भी नहीं बताया था कि कितनी धान चोरी गई है. शिकायत संदिग्ध होने के कारण पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ओपन कैब से धान की लगभग 35 हजार बोरियां चोरी गई हैं. एक बोरी का मूल्य 1950 रुपए है. इस हिसाब से लगभग 7 करोड. रुपए का घोटाला हुआ है.

सरकारी धान हो गया चोरी... सवाल पूछने पर जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी की सीनाजोरी

करोड़ों का घोटाला: वेंडर कंपनी के प्रोजेक्ट हेड सौरभ मालवीय ने बताया कि ओपन कैप से कितनी धान चोरी गई इस संबंध में उन्हे जानकारी नहीं है. चोरी गई धान के मामले में संबंधित अधिकारियों के साथ चर्चा जारी है. धान चोरी होने के संबंध में पुलिस से शिकायत की गई थी. जानकारी के अनुसार ठेके कंपनी ने धान की सुरक्षा की जिम्मेदारी लक्ष्य सिक्योरिटी एजेंसी को दी थी. कंपनी ने जुलाई माह में 24 सिक्योरिटी गार्ड लगाए थे, जो आसपास के गांव में रहने वाले थे. ठेके कंपनी द्वारा सिर्फ एक माह का वेतन सिक्योरिटी गार्ड्स को दिया गया था. अगस्त, सितंबर तथा अक्टूबर माह का वेतन नहीं मिलने पर सिक्योरिटी गार्ड्स ने 15 नवंबर से काम बंद कर दिया था.

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