कटनी। स्लीमनाबाद वन परिक्षेत्र के जंगल से कस्तूरबा गांधी हॉस्टल के समीप पहुंचे एक चीतल पर आवारा कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया. इस हमले में चीतल बुरी तरह से घायल हो गया था. जब तक उसकी मदद के लिए लोग पहुंचे तब तक उसने दम तोड़ दिया. बताया जाता है कि चीतल पानी की तलाश में भटक कर गांव की तरफ आ गया था. उसी समय कुत्तों के झुंड ने उस पर हमला कर दिया था.
शिवपुरी में मरा मिला काला हिरण, ग्रामीण बोले तेदुएं ने किया हमला, रेंजर बोले- लकड़बग्घा ने मारा
वनकर्मियों के पहुंचने के पहले चीतल ने दम तोड़ाः जानकारी के अनुसार जब कुत्ते चीतल को नोचने में जुटे हुए थे उस समय एक ग्रामीणों ने चीतल को बचाने की कोशिश की थी. कुत्तों की संख्या ज्यादा होने के कारण उसे मदद के लिए और लोगों को बुलाना पड़ा. इसके साथ ही उसने वन विभाग को इसकी जानकारी दी. जब तक वन कर्मी वहां पहुंचते तब तक जख्मी हुए चीतल ने दम तोड़ दिया था. फिलहाल वन कर्मियों ने पंचनामा बनाकर उसके शव का अंतिम संस्कार करा दिया. मालूम हो कि स्लीमनाबाद क्षेत्र में पानी की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण वन्य प्राणी अक्सर गांव की तरफ आ जाते हैं. ऐसे में वन जीव इन सड़क छाप कुत्तों का शिकार बन जाते हैं.
Bandhavgarh Tiger Reserve: बाघिन का वन अधिकारी पर जानलेवा हमला, मुंह में पैर दबा कर खींचने की कोशिश
वन्य प्राणियों के लिए नहीं सुरक्षा के पुख्ता इंतजामः ऐसा यहां पहली बार नहीं हुआ है, इसके पूर्व भी ऐसी घटनाएं घटित हो चुकी हैं. वन विभाग और इससे संबंधित अन्य सरकारी महकमों ने इसके बाद भी वन जीवों के लिए पर्याप्त पानी की व्यवस्था अभी तक नहीं की है. इस क्षेत्र में तलाब वगैरह भी नहीं हैं. इस कारण पानी की किल्लत वन प्राणियों के हमेशा बनी रहती है. वन विभाग के नुमाइंदों ने आज तक वन्य प्राणियों की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम नहीं किया है. जिसका खामियाजा वन्यजीवों को आए दिन भुगतना पड़ता है. अब देखना यह है कि इस घटना के बाद वन विभाग चेतता है या नहीं.