कटनी। किसान के खून-पसीने की कमाई का क्या हाल है, इसकी दुर्दशा का उदाहरण बड़वारा क्षेत्र के ग्राम मझगवां से सामने आया है. मझगवां में बने ओपन कैंप में भंडारित अनाज को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसान की मेहनत किस तरह बर्बाद हो रही है. जिम्मेदारों की लापरवाही से यहां बारिश से हजारों क्विंटल धान सड़ गई है. इसके बाद भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
जानकारी के अनुसार ओपन कैंप में बड़ी मात्रा में धान का भंडारण प्रशासन द्वारा कराया गया है. बारिश में धान को तिरपाल से ठीक ढंग से नहीं ढका गया, जिसके कारण धान सड़ गई है. इसी धान को मिलिंग के लिए भेजा जा रहा है. हैरानी की बात तो ये है कि नागरिक आपूर्ति निगम को सबसे पहले ओपन में रखी धान का सूखे दिनों में मिलिंग करा लेनी थी, लेकिन वेयर हाउस संचालकों को लाभ पहुंचाने के लिए धान नहीं उठवाई गई. अब भरी बरसात में मिलिंग के लिए धान भेजी जा रही है.
चावल की खराब हो रही गुणवत्ता
धान खराब होने से पर्याप्त मात्रा में चावल नहीं बन पा रहा है. व्यापारियों ने बताया कि 1 क्विंटल धान में 67 किलो चावल बनाकर देना है, लेकिन धान के खराब हो जाने से पर्याप्त मात्रा में चावल भी नहीं बनता. बमुश्किल 63-64 किलो चावल बन रहा है और उसका कलर लाल और पीला आता है, टूटन भी ज्यादा हो रही है, जिससे अफसर उसे रिजेक्ट कर देते हैं, जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान हो रहा है. व्यापारी लगातार धान को सुरक्षित करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन नागरिक आपूर्ति निगम एवं विपणन विभाग द्वारा धान की सुरक्षा नहीं की जा रही.
कलेक्टर से शिकायत के बाद भी नहीं बदले हालात
व्यापारियों ने कलेक्टर शशि भूषण सिंह से भी इस मामले की शिकायत की है, लेकिन अभी भी धान को सुरक्षित नहीं कराया गया. रिजेक्ट करने पर एक गाड़ी में 25 हजार रुपये का नुकसान होता है. 3 प्रतिशत दागी चावल में छूट मिलती है, लेकिन उससे ज्यादा खराब चावल बनता है, जिससे टीम रिजेक्ट कर देती है. इस मामले में विपणन विभाग की जिला प्रबंधन शिखा वर्मा का कहना है वहां पर धान की सुरक्षा की जा रही है. केंद्र प्रभारी को धान को और ठीक ढंग से सुरक्षित कराने कहा जाएगा.