कटनी। एक ओर वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की मार और ऊपर से अधिकारियों की तानाशाही, इन दोनों के बीच कटनी जिले का एक किसान पिछले एक साल से पिस रहा है, इंसाफ की तलाश में भटकता किसान कटनी जिले के स्लीमनाबाद थाना क्षेत्र के तेवरी का रहने वाला है, किसान रामेश्वर प्रासाद विश्वकर्मा अपने खेत का सीमांकन कराने के लिए पिछले एक साल से भटक रहा है.
1991 में किसान के पिता ने अपनी जायदाद को चार हिस्सों में बांटकर अपने चारों बेटों को दे दी थी. तब से रामेश्वर और उनके तीन भाई अलग-अलग खेती करने लगे. लेकिन तकरीबन एक साल पहले जब उनके भाई शंकर ने अपनी जमीन का सीमांकन करवाया, तब उसने दावा किया कि उसकी जमीन के एक बड़े हिस्से पर रामेश्वर का कब्जा है, जिसको लेकर दोनों भाइयों के बीच विवाद हुआ और उसके बाद मामला तहसीलदार कोर्ट में पहुंच गया, जहां अभी भी लंबित है.
इस बीच रामेश्वर ने अपने खेत में गेहूं की फसल लगा दी, फसल लगने के 3 महीने बाद नायब तहसीलदार राजीव मिश्रा ने जमीन पर स्टे का आदेश जारी कर दिया. करीब 2 एकड़ में लगी फसल को काटने का कोई रास्ता नहीं मिला तो रामेश्वर ने नायब तहसीलदार के पास फसल काटने की गुहार लगाई, लेकिन यहां से राहत नहीं मिली. अब रामेश्वर न्याय के लिए दर-दर भटक रहा है, लेकिन लॉकडाउन के इस दौर में न्याय मिलना भी असंभव नजर आ रहा है.