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कटनी: मंडी एक्ट में संशोधन के विरोध लामबंद हुए कर्मचारी - katni district

मंडी एक्ट में संशोधन के विरोध में मंडी कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पहरुआ कृषि उपज मंडी में गुरुवार को सन्नाटा पसरा रहा. पढ़िए पूरी खबर...

Katni news
मंडी एक्ट में संशोधन के विरोध लामबंद हुए कर्मचारी
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Published : Sep 3, 2020, 8:34 PM IST

कटनी। सुबह से लेकर देर शाम तक अनाज के लदे वाहनों और बिक्री को लेकर लगती बोली से गूंजने वाली पहरुआ कृषि उपज मंडी में गुरुवार को सन्नाटा पसरा रहा. कारण ये था कि मंडी एक्ट में हुए संशोधन के विरोध में मंडी कर्मचारी लामबंद होकर विरोध में उतर आए और उनके समर्थन में हम्माल भी शामिल हो गए. जिसके चलते मंडी में काम बंद रहा.

मंडी एक्ट में संशोधन के विरोध में मंडी के सभी कर्मचारी संघ गुरुवार से लामबंद होकर अनिशित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं. मध्यप्रदेश कर्मचारी कांग्रेस सदस्य व कृषि उपज मंडी सचिव ने बताया कि शासन को पूर्व में ही तीन सितंबर से हड़ताल की जानकारी व चेतावनी दे दी गई थी. उन्होंने बताया कि मॉडल मंडी अधिनियम कर्मचारियों के हित में नहीं है. इसके लागू हो जाने से व्यापारियों का लाइसेंस, मंडी शुल्क और खेत से मुक्त कर दिया जाएगा.

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि ये अध्यादेश पांच जून से पूरे देश में लागू कर दिया गया है. जिसके चलते मंडियों के समाप्त होने का खतरा नजर आ रहा है. इस अध्यादेश के विरोध में अनिशित कालीन तक मंडियां बंद रहेगी. इस महाआंदोलन को किसान, कर्मचारी, व्यापारी, हम्माल, तुलावटी संघ ने भी समर्थन दे दिया है.

कटनी। सुबह से लेकर देर शाम तक अनाज के लदे वाहनों और बिक्री को लेकर लगती बोली से गूंजने वाली पहरुआ कृषि उपज मंडी में गुरुवार को सन्नाटा पसरा रहा. कारण ये था कि मंडी एक्ट में हुए संशोधन के विरोध में मंडी कर्मचारी लामबंद होकर विरोध में उतर आए और उनके समर्थन में हम्माल भी शामिल हो गए. जिसके चलते मंडी में काम बंद रहा.

मंडी एक्ट में संशोधन के विरोध में मंडी के सभी कर्मचारी संघ गुरुवार से लामबंद होकर अनिशित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं. मध्यप्रदेश कर्मचारी कांग्रेस सदस्य व कृषि उपज मंडी सचिव ने बताया कि शासन को पूर्व में ही तीन सितंबर से हड़ताल की जानकारी व चेतावनी दे दी गई थी. उन्होंने बताया कि मॉडल मंडी अधिनियम कर्मचारियों के हित में नहीं है. इसके लागू हो जाने से व्यापारियों का लाइसेंस, मंडी शुल्क और खेत से मुक्त कर दिया जाएगा.

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि ये अध्यादेश पांच जून से पूरे देश में लागू कर दिया गया है. जिसके चलते मंडियों के समाप्त होने का खतरा नजर आ रहा है. इस अध्यादेश के विरोध में अनिशित कालीन तक मंडियां बंद रहेगी. इस महाआंदोलन को किसान, कर्मचारी, व्यापारी, हम्माल, तुलावटी संघ ने भी समर्थन दे दिया है.

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