झाबुआ। झाबुआ उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस में कड़ा मुकाबला है. दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही हैं. ऐसे में झाबुआ की जनता से ईटीवी भारत ने जमीनी हकीकत को जाना. जहां लोगों का कहना था कि दोनों ही दलों ने मजबूत उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, लिहाजा चुनावी मुकाबला भी रोचक होगा.
कांग्रेस की ओर से कद्दावर आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया मैदान में है, तो वहीं बीजेपी ने इस बार युवा चेहरे भानू भूरिया को मौका देकर युवाओं को रिझाने का प्रयास किया है. उपचुनाव में कांग्रेस कर्ज माफी को सबसे बड़ा मुद्दा बना रही है. कर्ज माफी योजना के बहाने किसानों को रिझाने के साथ-साथ कमलनाथ सरकार की योजनाओं के सहारे कांग्रेस अपने पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास कर रही है. वहीं बीजेपी पूर्ववर्ती शिवराज सरकार की संबल जैसी योजनाओं को बंद करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के धारा 370 में बदलाव करने के साथ-साथ तीन तलाक जैसे मुद्दों के पीएम मोदी की लोकप्रियता के सहारे किला फतह करने की कोशिश में है.
झाबुआ के स्थानीय लोगों का मानना है कि उन्हें प्रदेश सरकार की कर्ज माफी योजना का लाभ नहीं मिला. वहीं पूर्ववर्ती सरकार की कई योजनाओं के बंद होने से उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस तरह की बातें ग्रामीण अंचलों में कांग्रेस के वोट बैंक को प्रभावित कर सकती हैं. वहीं लोगों ने बीजेपी की केंद्र सरकार द्वारा लिए जा रहे फैसलों पर भी मिली-जुली प्रतिक्रिया दी.