झाबुआ। पूरा विश्व इन दिनों कोरोना वायरस से जूझ रहा है. कोरोना से बचाव के लिए सरकार कड़े कदम उठा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जनता कर्फ्यू का ऐलान किया है, लेकिन मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले में दिए गए निर्देशों का पालन भी प्रशासनिक मशीनरी नहीं कर रही है.
झाबुआ जिले के सबसे बड़े रेलवे स्टेशन मेघनगर पर बाहर से आने वाले यात्रियों की ना तो स्क्रीनिंग की जा रही है और ना ही मेडिकल जांच की जा रही है. यहां कई ट्रेनों का स्टॉप है जिसके चलते भारत के अलग-अलग राज्यों के यात्री यहां आते हैं लिहाजा सुरक्षा की दृष्टि से उनकी मेडिकल जांच जरूरी है, मगर प्रशासन की ओर सेनेटाइजेशन जैसे व्यवस्था भी रेलवे स्टेशनों पर ना करना बड़ी भूल साबित हो सकता है.
झाबुआ में सरकार के आदेश के बाद कलेक्टर ने धारा 144 लागू कर दी है । जिसके चलते सामूहिक कार्यक्रम जुलूस, सम्मेलन, सामूहिक भोज, सप्ताहिक हाट बाजार 15 अप्रैल तक निरस्त कर दिए गए है. शनिवार को जिले के मेघनगर राणापुर में लगने वाले हाट बाजार को प्रशासनिक अमले ने नही लगने दिया, जिसके चलते हाट बाजार निरस्ती की जानकारी ना होने पर हाट बाजार में पहुंचे खरीददार और व्यापारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. हालांकि लोगों ने सुरक्षा की दृष्टि से अपनी दुकाने नहीं लगाई।
जिले में धारा 144 के साथ ही जिले की राजस्व सीमा के अंतर्गत आने वाले बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन से गुजरने वाले यात्रियों की जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं । कलेक्टर के निर्देशो के बावजूद जिले के सबसे बड़े रेलवे स्टेशन मेघनगर ,थांदला रोड , ओर बमनिया में रेल यात्रियों की जांच नही की जा रही है. लिहाजा महामारी को रोकने में थोड़ी सी लापरवाही बड़ी भूल साबित हो सकती है.