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झाबुआ में 'रेंगती ट्रैफिक व्यवस्था ', सड़कों पर पैदल चलना भी मुश्किल - रेंगती ट्रैफिक व्यवस्था

झाबुआ की ट्रैफिक व्यवस्था बदहाल है. बढ़ते यातायात दवाब के कारण सड़कें संकरी गलियां बनती जा रही हैं. पूरे शहर में एक भी जगह पार्किंग की सही व्यवस्था न होने से झाबुआ शहर के रास्तों पर वाहन तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल होता जा रहा है. पढ़िए पूरी खबर...

bad traffic system in jhabua
झाबुआ में ट्रैफिक
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Published : Sep 8, 2020, 11:25 PM IST

झाबुआ। देश में सरकारें फोर लेन और सिक्स लेन सडकें बनाने का दावा कर रही हैं, लगातार सड़कें बनाई भी जा रही हैं, लेकिन इस विकास की चकाचौध के बीच भी झाबुआ की सड़कों पर इन दिनों पैदल चलना भी मुश्किल होता जा रहा है. बढ़ते यातायात दवाब के कारण सड़कें संकरी गलियां बनती जा रही हैं. पूरे शहर में एक भी जगह पार्किंग की सही व्यवस्था न होने से झाबुआ शहर के रास्तों पर वाहन तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल होता जा रहा है. शहर के बिगड़ते यातायात के हालात को लेकर ना तो यातायात पुलिस गंभीर है और ना ही नगरपालिका.

झाबुआ में रेंगता ट्रैफिक

स्थानीय लोगों की राय
नगर पालिका शहर में 3 स्थानों का चयन कर पार्किंग बनाए जाने पर विचार कर रही है, लेकिन यह कब तक होगा, कुछ क्लियर नहीं है. स्थानीय रहवासियों का कहना है कि शहर के कई इलाकों में ओवर ब्रिज और अप्रोच रोड बनाए जा सकते हैं, लेकिन नगर पालिका ध्यान नहीं दे रहा है.

लापरवाह यातायात विभाग
यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए केवल एक यातायात थाना है, जहां पुलिस केवल यातायात के नियमों को तोड़ने वालों पर चालानी कार्रवाई करने तक ही सीमित हो गई है. पर्याप्त बल और संसाधन होने के बाबजूद भी लंबे समय से सुधार नहीं हो रहा है. हालांकि यातायात पुलिस ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने का दावा कर रही है.

नगर पालिका की बेहूदा सफाई
देश भर में आज हर समस्सया का कारण कोरोना वायरस को माना जा रहा है. सरकारी विभाग कोरोना का नाम लेकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता हैं. ऐसे में झाबुआ नगर पालिका प्रशासन भी कहां पीछे रहने वाला था. झाबुआ नगर पालिका के सीएमओ एलएस डोडिया ने भी शहर की बदहाल होती यातायात व्यवस्था का जिम्मेदार कोरोना संकट को बता दिया.

नगर पालिका और यातायात विभाग का रोल
40,000 से अधिक की आबादी वाले झाबुआ में यातायात मैनेजमेंट को लेकर किसी प्रकार की कोई ठोस व्यवस्था ना होने से शहर में आए दिन यातायात जाम की स्थिति बनती है, जिसके चलते आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यातायात पुलिस और नगर पालिका की बीच समन्वय ना होने से शहर की सड़कें गलियों में तब्दील होती जा रही है.

नियमों को अनदेखी
शहर में एक भी पार्किंग प्लेस नहीं है, जिस कारण लोग लोग सड़कों पर वाहन पार्क करते हैं. ऐसे में सड़कों से गुजरने वाले वाहन चालकों के साथ-साथ आम राहगीरों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. सरकार ने होटल, बैंक और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर पार्किंग अनिवार्य रूप से बनाए जाने के निर्देश दे रखे हैं. मगर जिले में एक भी व्यवसायिक प्रतिष्ठान के पास अपनी पार्किंग सुविधा नहीं है. लिहाजा इन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर आने वाले वाहन सड़कों पर यातायात को जाम कर रहे हैं.

झाबुआ। देश में सरकारें फोर लेन और सिक्स लेन सडकें बनाने का दावा कर रही हैं, लगातार सड़कें बनाई भी जा रही हैं, लेकिन इस विकास की चकाचौध के बीच भी झाबुआ की सड़कों पर इन दिनों पैदल चलना भी मुश्किल होता जा रहा है. बढ़ते यातायात दवाब के कारण सड़कें संकरी गलियां बनती जा रही हैं. पूरे शहर में एक भी जगह पार्किंग की सही व्यवस्था न होने से झाबुआ शहर के रास्तों पर वाहन तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल होता जा रहा है. शहर के बिगड़ते यातायात के हालात को लेकर ना तो यातायात पुलिस गंभीर है और ना ही नगरपालिका.

झाबुआ में रेंगता ट्रैफिक

स्थानीय लोगों की राय
नगर पालिका शहर में 3 स्थानों का चयन कर पार्किंग बनाए जाने पर विचार कर रही है, लेकिन यह कब तक होगा, कुछ क्लियर नहीं है. स्थानीय रहवासियों का कहना है कि शहर के कई इलाकों में ओवर ब्रिज और अप्रोच रोड बनाए जा सकते हैं, लेकिन नगर पालिका ध्यान नहीं दे रहा है.

लापरवाह यातायात विभाग
यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए केवल एक यातायात थाना है, जहां पुलिस केवल यातायात के नियमों को तोड़ने वालों पर चालानी कार्रवाई करने तक ही सीमित हो गई है. पर्याप्त बल और संसाधन होने के बाबजूद भी लंबे समय से सुधार नहीं हो रहा है. हालांकि यातायात पुलिस ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने का दावा कर रही है.

नगर पालिका की बेहूदा सफाई
देश भर में आज हर समस्सया का कारण कोरोना वायरस को माना जा रहा है. सरकारी विभाग कोरोना का नाम लेकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता हैं. ऐसे में झाबुआ नगर पालिका प्रशासन भी कहां पीछे रहने वाला था. झाबुआ नगर पालिका के सीएमओ एलएस डोडिया ने भी शहर की बदहाल होती यातायात व्यवस्था का जिम्मेदार कोरोना संकट को बता दिया.

नगर पालिका और यातायात विभाग का रोल
40,000 से अधिक की आबादी वाले झाबुआ में यातायात मैनेजमेंट को लेकर किसी प्रकार की कोई ठोस व्यवस्था ना होने से शहर में आए दिन यातायात जाम की स्थिति बनती है, जिसके चलते आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यातायात पुलिस और नगर पालिका की बीच समन्वय ना होने से शहर की सड़कें गलियों में तब्दील होती जा रही है.

नियमों को अनदेखी
शहर में एक भी पार्किंग प्लेस नहीं है, जिस कारण लोग लोग सड़कों पर वाहन पार्क करते हैं. ऐसे में सड़कों से गुजरने वाले वाहन चालकों के साथ-साथ आम राहगीरों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. सरकार ने होटल, बैंक और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर पार्किंग अनिवार्य रूप से बनाए जाने के निर्देश दे रखे हैं. मगर जिले में एक भी व्यवसायिक प्रतिष्ठान के पास अपनी पार्किंग सुविधा नहीं है. लिहाजा इन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर आने वाले वाहन सड़कों पर यातायात को जाम कर रहे हैं.

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