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दूषित पानी और धुएं से घुटता है दम, जिंदगी के लिए विरोध में उतरे लोग

झाबुआ के एकमात्र औद्योगिक क्षेत्र मेघनगर में लगे कारखानों के प्रदूषण से लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कारखानों से निकलने वाले दूषित पानी और बदबूदार धुएं के चलते स्थानीय लोग लंबे समय से कारखानों का विरोध कर रहे हैं.

कारखाना
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Published : Jul 1, 2019, 8:41 PM IST

Updated : Jul 1, 2019, 11:57 PM IST

झाबुआ। जिले के एकमात्र औद्योगिक क्षेत्र मेघनगर में लगे कारखानों से निकलने वाले दूषित पानी और बदबूदार धुएं के चलते स्थानीय लोग लंबे समय से कारखानों का विरोध कर रहे हैं. लोगों की समस्या को स्थानीय विधायक के समर्थन के कारण कारखानों को लेकर लोगों का विरोध बढ़ता जा रहा है.

औद्योगिक क्षेत्र में लगे कारखानों के प्रदूषण से लोगों का जीना मुश्किल

मेघनगर औद्योगिक क्षेत्र में केमिकल के कई कारखाने हैं, जो अलग-अलग तरह के केमिकल बनाते हैं. केमिकल कारखानों से निकलने वाले प्रदूषित पानी का कोई सही निदान नहीं होने की वजह से यह भूमिगत जल स्त्रोतों को प्रदूषित कर रहा है. खुले में पानी बहाने से तालाब और नदियों तक प्रदूषित पानी पहुंच रहा है.

प्रदूषण के खिलाफ विधानसभा चुनावों के पहले कांग्रेस प्रत्याशी और वर्तमान विधायक वीर सिंह भूरिया ने लोगों को हर संभव मदद देने का वादा किया था. जिससे अब वह कारखानों का विरोध कर रहे हैं. पिछले दिनों उन्होंने कई कारखानों की शिकायत जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से की थी, अब वे इस मामले को विधानसभा में उठाने की बात कह रहे हैं.

मामले पर विधायक ने कहा कि लोगों की समस्या जायज है. प्रभावित लोग भी अपनी परेशानी प्रशासन के सामने कई बार रख चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है.

मध्यप्रदेश सरकार रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में लगे कल कारखाने प्रदूषण के चलते लोगों के निशाने पर हैं.

झाबुआ। जिले के एकमात्र औद्योगिक क्षेत्र मेघनगर में लगे कारखानों से निकलने वाले दूषित पानी और बदबूदार धुएं के चलते स्थानीय लोग लंबे समय से कारखानों का विरोध कर रहे हैं. लोगों की समस्या को स्थानीय विधायक के समर्थन के कारण कारखानों को लेकर लोगों का विरोध बढ़ता जा रहा है.

औद्योगिक क्षेत्र में लगे कारखानों के प्रदूषण से लोगों का जीना मुश्किल

मेघनगर औद्योगिक क्षेत्र में केमिकल के कई कारखाने हैं, जो अलग-अलग तरह के केमिकल बनाते हैं. केमिकल कारखानों से निकलने वाले प्रदूषित पानी का कोई सही निदान नहीं होने की वजह से यह भूमिगत जल स्त्रोतों को प्रदूषित कर रहा है. खुले में पानी बहाने से तालाब और नदियों तक प्रदूषित पानी पहुंच रहा है.

प्रदूषण के खिलाफ विधानसभा चुनावों के पहले कांग्रेस प्रत्याशी और वर्तमान विधायक वीर सिंह भूरिया ने लोगों को हर संभव मदद देने का वादा किया था. जिससे अब वह कारखानों का विरोध कर रहे हैं. पिछले दिनों उन्होंने कई कारखानों की शिकायत जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से की थी, अब वे इस मामले को विधानसभा में उठाने की बात कह रहे हैं.

मामले पर विधायक ने कहा कि लोगों की समस्या जायज है. प्रभावित लोग भी अपनी परेशानी प्रशासन के सामने कई बार रख चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है.

मध्यप्रदेश सरकार रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में लगे कल कारखाने प्रदूषण के चलते लोगों के निशाने पर हैं.

Intro:झाबुआ : मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है तो दूसरी ओर प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में लगे कल कारखाने प्रदूषण के चलते लोगों के निशाने पर है। आदिवासी बहुल झाबुआ जिले के एकमात्र औद्योगिक क्षेत्र मेघनगर में लगे कारखानों से निकलने वाले दूषित पानी और बदबूदार धुए के चलते स्थानीय लोगों में लंबे समय से परेशान होना पड़ रहा है। लोगों की समस्या को स्थानीय विधायक का भी समर्थन मिल रहा है जिसके चलते लोगो का विरोध भी इन कारखानों के प्रति बढ़ता जा रहा है ।


Body:मेघनगर औद्योगिक क्षेत्र में केमिकल के कई कारखाने हैं जो अलग-अलग तरह के केमिकल बनाते हैं । इन कारखानों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनओसी दे रखी है, लिहाजा यह अपना उत्पादन कर रहे हैं। केमिकल कारखानों से निकलने वाले प्रदूषित पानी का सही निदान ना होने के चलते यह भूमिगत जल स्त्रोतों को प्रदूषित कर रहा है। खुले में पानी बहाने से तालाब और नदियों तक प्रदूषित पानी पहुंच रहा है जिससे लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है ।


Conclusion:प्रदूषण के खिलाफ विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस प्रत्या
शी और वर्तमान विधायक वीर सिंह भूरिया ने लोगों को हर संभव मदद देने का वादा किया था । जिसके चलते अब वे यह लड़ाई लड़ रहे हैं पिछले दिनों उन्होंने कई कारखानों की शिकायत जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से की थी, अब वे इस मामले को विधानसभा में उठाने और जनता के बीच ले जाने की बात कह रहे हैं । विधायक का मानना है कि लोगों की समस्या जायज है लिहाजा हर स्तर पर उसे लड़ा जाएगा, इधर प्रभावित लोग भी अपनी परेशानी प्रशासन के सामने कई बार रख चुके हैं ।
बाइट : अरुण आरोही , स्थानीय युवक (चिकबरा टीशर्ट)
बाइट : नीरज श्रीवास्तव ,समाजसेवी( चौकडी शर्ट)
बाइट : वीर सिंह भूरिया , विधायक थांदला (व्हाइट कुर्ता)

कीवर्ड्स
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Last Updated : Jul 1, 2019, 11:57 PM IST
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