झाबुआ। अस्पतालों में बढ़ती मरीजों की भीड़ और अस्पतालों में स्टाफ की कमी के चलते लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिले के मेघनगर विकासखंड के ग्राम मदरानी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से 21 गांव के लगभग 60 हजार से अधिक ग्रामीणों के स्वास्थ्य की देखभाल करने की जिम्मेदारी है. बावजूद इसके स्वास्थ्य केंद्रों में रात में डिलीवरी के लिए कोई नर्स नहीं मिलती है, और न ही कोई अन्य स्टाफ. जिससे प्रसूता महिलाओं को काफी परेशानियां होती हैं.
कुछ दिनों पहले दो गर्भवती महिलाओं को प्रसव पीड़ा होने पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मदरानी लाया गया. मगर यहां रात में काम करने वाली नर्स का ट्रांसफर दो महीने पहले हो जाने के बाद भी नई नर्स की पदस्थापना नहीं की गई. जिसके कारण परिजन गंभीर अवस्था में महिलाओं को गुजरात के दाहोद ले गए और उनकी डिलवरी करवाई.
एक मरीज के परिजन ने बताया कि अस्पताल में कोई स्टाफ बराबर नहीं रहता है. रात में किसी के बीमार होने पर बहुत परेशानी होती है. इलाज के लिए दाहोद ले जाना पड़ता है. न डिलीवरी के कोई इंतजाम हैं, न ही कोई नर्स स्टाफ है.
वहीं प्रभारी डॉक्टर पायस द्विवेदी ने बताया कि एक नर्स सुबह ड्यूटी करती है. नाइट में जो नर्स थी उनका दो महीने पहले तबादला हो गया है, इसलिए अभी रात में यहां पर डिलीवरी के लिए कोई नर्स नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि ये हर जगह होता है, यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है.