झाबुआ। कोविड 19 से बचाव के लिए लगे लॉकडाउन से कई मजदूर बेरोजगार हो गए थे. राज्य सरकार ने मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने की बात कही थी, जिसको देखते हुए प्रदेश और केंद्र सरकार ने मनरेगा के तहत मजदूरों को रोजगार मुहैया करा रही है. जिले में गुजरात से हजारों आदिवासी मजदूर लॉकडाउन में घर वापस आ गए थे, जिनके सामने रोजगार की परेशानी खड़ी हो गई थी. जिला पंचायत, ग्राम पंचायतों के जरिए जिले में 20 हजार से ज्यादा निर्माण कामों में करीब एक लाख मजदूरों को रोजगार दिया जा रहा है.
जिला पंचायत CEO संदीप शर्मा ने बताया कि जिले में मनरेगा योजना के तहत ज्यादातर काम जल संवर्धन के किए जा रहे हैं. इस योजना के तहत गांव में तालाब निर्माण, चैक डैम, कुंआ, नल कूप के निर्माण कार्य को शामिल किया गया है. इन योजनाओं से बारिश के मौसम में ज्यादा से ज्यादा पानी का संचय किया जा सकेगा. सरकार जिले के साथ अन्य प्रांतों के प्रवासी मजदूरों को भी इस योजना के तहत रोजगार मुहैया कराने की बात कह रही है.
जिले में पहली बार मनरेगा योजना में करीब एक लाख लोगों को रोजगार मिला है. जिला पंचायत ने सवा लाख से ज्यादा मजदूरों को मनरेगा में रोजगार देने का लक्ष्य तय किया है. जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संदीप शर्मा का कहना है कि 6 जनपद वाले जिले में पंचायतों में मानदेय के मामले में झाबुआ प्रदेश में पहले पायदान पर पहुंच गया है.