झाबुआ। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के अनुसार बच्चे का जन्मदिन अंग्रेजी तारीख की बजाए भारतीय संस्कृति के अनुरूप तिथि से ही मनाया जाएगा. इसके लिए पहले चरण में शारदा समूह से जुड़े अलग-अलग शैक्षणिक संस्थानों के करीब ढाई हजार बच्चों के जन्म की भारतीय तिथि की जानकारी जुटाई जा रही है. दरअसल, हमारे देश में सभी तीज-त्योहार तिथि के अनुसार मनाए जाते हैं. यही नहीं, शादी-ब्याह से लेकर अन्य सारे शुभ कार्य और बच्चे का नामकरण से लेकर दिवंगत लोगों का श्राद्धकर्म भी तिथि के अनुसार ही होता है. केवल जन्मदिन भारतीय तिथि की बजाए अंग्रेजी तारीख से मनाया जा रहा है.
परंपरा बदलने की पहल : शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने अब इस परंपरा में बदलाव लाने के लिए एक नई पहल की है. इसके लिए न्यास ने शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के जन्म की भारतीय तिथि का आंकड़ा जुटाने का निर्णय लिया है. यह तिथि संबंधित विद्यार्थी की अंकसूची में दर्ज करवाई जाएगी. साथ ही सभी बच्चों के माता-पिता से निवेदन किया जाएगा कि वे अपने बच्चे का जन्मदिन अंग्रेजी तारीख की बजाए तिथि से ही मनाएं. बच्चे को ये भी बताएं कि उसका जन्मदिन भारतीय तिथि को क्यों मनाया जा रहा है. इससे उसका अपनी संस्कृति से जुड़ाव हो सकेगा.
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शारदा समूह की संस्थाओं से शुरुआत : शारदा समूह की संस्थाओं से अभियान की शुरुआत की गई है. इसके बाद अभियान को आगे बढ़ाया जाएगा. शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के क्षेत्रीय सह संयोजक ओम शर्मा ने बताया हमारे यहां सारे तीज-त्योहार और सभी शुभ कार्य तिथि के अनुसार ही मनाए जाते हैं. जैसे पूर्णिमा को होली दहन होता है तो अमावस्या को दीवाली मनाई जाती है. इन त्योहारों की तारीख बदल सकती है पर तिथि नहीं. एकमात्र जन्मदिन अंग्रेजी तारीख के अनुसार मनाया जाता है. जब पूरा विश्व भारतीय संस्कृति को आत्मसात करने के लिए लालायित हैं तो फिर हम क्यों पाश्चात्य संस्कृति की तरफ बढ़े चले जा रहे हैं.