झाबुआ। पश्चिम मप्र के आदिवासी अंचल झाबुआ और आलीराजपुर जिले से रोजगार के लिए हर साल होने वाले पलायन को सांसद गुमान सिंह डामोर ने नए सिरे से परिभाषित किया. उन्होंने कहा बेहतर रोजगार की तलाश में बाहर जाना पलायन नहीं है. पलायन का मतलब है कि किसी स्थान को हमेशा हमेशा के लिए छोड़ दिया. दरअसल सांसद डामोर ने केंद्र सरकार की ओर से जारी किए बजट के बाद पहली बार अंत्योदय जन सेवा केंद्र पर अपनी बात रख रहे थे. इस दौरान पलायन के मुद्दे पर उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जैसे कहीं भूकंप या अन्य कोई ऐसी आपदा आई जिसके चलते सब कुछ तहस-नहस हो गया और उस स्थान को छोड़कर जाना पड़े तो वह पलायन होता है. हमारे लोग रोजगार की दृष्टि से कुछ दिन के लिए जाते हैं और वापस आ जाते हैं. यह पलायन नहीं है.
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हमने स्ट्रीट वेंडर योजना लागू कीः सांसद डामोर ने ये भी कहा कि प्रधानमंत्री स्किल डेवलपमेंट और स्वरोजगार पर ध्यान दे रहे हैं. हमने स्ट्रीट वेंडर योजना लागू की. उसमें जो व्यक्ति काम करने की इच्छा रखता है उसे ब्याज मुक्त ऋण मिलेगा. उससे वह अपना काम-धंधा कर सकता है. अब ये हम सब की जवाबदारी है कि ऐसे लोग जो रोजगार करना चाहते हैं, जो अपने पैरों पर खड़ा होना चाहते हैं और जिन्हें स्किल डेवलपमेंट की आवश्यकता है, हम उन्हें आगे लाएं. इसके अलावा उन्हें प्रशिक्षित करें और उन्हें रोजगार उपलब्ध कराएं. जिस दिन हम ऐसा कर पाएंगे, उस दिन हमारे यहां से पलायन नहीं के बराबर होगा.
दाहोद-इंदौर और छोटा उदयपुर-धार रेल परियोजना का जिक्र: सांसद गुमान सिंह डामोर ने चर्चा में दाहोद-इंदौर और छोटा उदयपुर-धार रेल परियोजना का खास तौर पर जिक्र किया. उन्होंने कहा कि झाबुआ के लिए ये बड़ी खुशी की बात है कि हमारी दाहोद-इंदौर रेल लाइन के लिए योजना स्वीकृत होने के बाद पहली बार बजट में 440 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया. ये पैसा खर्च हो जाता है तो सप्लीमेंट्री बजट में और पैसा मिलेगा. इसी प्रकार से छोटा उदयपुर-धार रेल परियोजना को लेकर सांसद बोले- इसके लिए भी पहली बार 355 करोड़ का प्रावधान किया गया है. हमारी जितनी प्राथमिकताएं थी, उन प्राथमिकताओं के अनुसार मैंने केंद्र सरकार से लगातार मांग की है. मैं लगातार जिले की समस्याओं को केंद्र सरकार के हमारे जितने मंत्री है और प्रधानमंत्री के ध्यान में लाता हूं.
मेडिकल कॉलेज का मुद्दा फिर से उठायाः सांसद गुमान सिंह डामोर ने बताया कि गत 13 फरवरी को एक बार फिर आदिवासी अंचल झाबुआ में मेडिकल कॉलेज खोले जाने का मुद्दा पुरजोर तरीके से संसद में उठाया. उन्होंने संसद में कहा कि उनकी लोकसभा क्षेत्र का झाबुआ मध्य प्रदेश का सर्वाधिक जनजातीय बाहुल्य जिला है. इस जिले में सिकलसेल एनीमिया, सिलिकोसिस, फ्लोरोसिस, थायराइड आदि बीमारियों की बहुतायत है. गरीब जनजाति जनता को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण बहुत परेशानी आती है. इस वजह से जिले की गरीब जनता को पड़ोसी राज्य गुजरात पर निर्भर रहना पड़ता है. जिले में पर्याप्त सुविधा नहीं होने के कारण इलाज के लिए अत्यधिक समय और धन का व्यय करना पड़ता है. सांसद डामोर ने कहा कि जिले की जनता काफी समय से मेडिकल कॉलेज की मांग कर रही है, ताकि उन्हें पर्याप्त सुविधा मिल सके. उन्होंने सभापति के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्रालय से झाबुआ जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने का अनुरोध किया. सांसद डामोर ने बताया इस सम्बन्ध में उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी चर्चा की है.
उपलब्धियां व भविष्य की योजना बताईः सांसद गुमान सिंह डामोर ने बताया कि ट्राइबल क्षेत्र का हमारा मेघनगर रेलवे स्टेशन विश्वस्तरीय बनेगा. इसके लिए बजट में प्रावधान किया गया है. इसके अलावा बीएसएनएल के नेटवर्क की समस्या को लेकर उन्होंने कहा इस बारे में मैने केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया था. समस्या के समाधान के लिए झाबुआ जिले में 25 टावर और 12 टावर आलीराजपुर जिले में लगेंगे. इस प्रकार से हम कोशिश कर रहे हैं कि जिले में बीएसएनएल की कनेक्टिविटी अच्छी हो. उन्होंने केंद्रीय दूरसंचार मंत्री से प्राथमिकता के आधार पर झाबुआ आलीराजपुर जिले में 4-जी सेवा शुरू करवाने का भी अनुरोध किया है. संभवतया इस वर्ष के अंत तक ये सेवाएं शुरू हो जाएगी. सांसद ने कहा चूंकि हमारा जिला पिछड़ा हुआ है तो हमारी कनेक्टिविटी मजबूत होगी तो हमारे लोगों का ज्ञान और संपर्क बढ़ेंगे. विकास की योजनाएं आएगी.