झाबुआ। मध्य प्रदेश की तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने मदद योजना के तहत हर गांव को सामाजिक आयोजनों के लिए 25 हजार रुपए के बर्तन देने की घोषणा की थी. इसकी शुरुआत कांग्रेस सरकार में झाबुआ उपचुनाव से पहले की गई थी, लेकिन चुनाव के लंबे अरसे के बाद भी कई गांवों में ग्रामीणों को बर्तन नहीं मिले. अब इस मामले में स्थानीय विधायक कांतिलाल भूरिया ने इसमें बड़ी गड़बड़ी के आरोप लगाया है.
जांच की मांग
झाबुआ जिले की 375 से ज्यादा ग्राम पंचायतों के 700 से ज्यादा राजस्व गांवों को 25 हजार रुपए प्रति गांव के मान से गांव के मुखिया को बर्तन देना थे. यह बर्तन गांव में होने वाले कई प्रकार के सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों के दौरान होने वाले भोज में उपयोग में लिए दिए जाने थे. झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया ने इन बर्तनों की सप्लाई में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए प्रशासन से जांच की मांग की है.
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बता दें, यह बर्तन सामाजिक विकास विभाग के जरिए ग्राम पंचायतों के प्रमुख को दिए जाने थे. बर्तन सप्लाई को लेकर रतलाम-झाबुआ सांसद गुमान सिंह डामोर ने कांग्रेस सरकार में इसकी कीमतों से ज्यादा में सप्लाई का ठीकरा कांग्रेस नेताओं पर फोड़ा था. लेकिन मगर अब सरकार बदलने के बाद यह काम अब कांग्रेसी नेताओं के बजाए बीजेपी से जुड़े लोग करने लगे हैं. लिहाजा अब कांग्रेस के विधायक ने बीजेपी नेताओं पर बर्तन सप्लाई में गड़बड़ी का आरोप लगाया है.