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बारिश में जंग खा रही सरकारी योजना की साइकिलें, सिस्टम है बेसुध

स्कूल चले हम अभियान के तहत छात्रों को मिलने वाली साइकिल खुले आसमान में बारिश के बीच जंग खा रही हैं. जिनकी सुध न तो स्कूल प्रबंधन ले रहा है और न ही शिक्षा विभाग.

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Published : Jul 3, 2019, 9:13 PM IST

Updated : Jul 3, 2019, 9:24 PM IST

झाबुआ। मध्यप्रदेश सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास कर रही है, लेकिन स्कूल प्रबंधन सरकारी योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं. 'स्कूल चले हम अभियान' के तहत छात्रों को मिलने वाली साइकिल खुले आसमान में बारिश के बीच जंग खा रही हैं. जिनकी सुध न तो स्कूल प्रबंधन ले रहा है और न ही शिक्षा विभाग.

बारिश में जंग खा रहीं साइकिल

सरकारी स्कूलों से करीब 3 किलोमीटर दूर रहने वाले छात्रों को स्कूल से जोड़ने के लिए सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश सरकार निशुल्क साइकिल देती है. ताकि अभिभावकों पर बच्चों के आने-जाने का अतिरिक्त भार न पड़े और छात्रों को भी स्कूल आने में सुविधा रहे. बीते 24 जून को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस योजना का शुभारंभ झाबुआ से किया था, लेकिन स्कूल प्रबंधन की अनदेखी और लापरवाही की चले हजारों साइकिल बारिश होने के बाद खुले में जंग खा रही हैं.

सरकारी योजना के तहत दी जाने वाली इन साइकिलों का निर्माण विकासखंड स्तर पर स्कूलों में पिछले दो माह से सप्लायर्स द्वारा किया जा रहा है. एक पखवाड़े से जारी बारिश के बावजूद स्कूलों में बनने वाली साइकिलों को मेघनर के सरकारी स्कूल में सुरक्षित स्थान पर नहीं रखा गया, जिससे उनके कलपुर्जों में जंग लग रही है. मामले में कलेक्टर और शिक्षा विभाग का ध्यान भी इस ओर नहीं है. जिससे निशुल्क साइकिल वितरण की सरकारी योजना को बट्टा लग रहा है.

झाबुआ। मध्यप्रदेश सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास कर रही है, लेकिन स्कूल प्रबंधन सरकारी योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं. 'स्कूल चले हम अभियान' के तहत छात्रों को मिलने वाली साइकिल खुले आसमान में बारिश के बीच जंग खा रही हैं. जिनकी सुध न तो स्कूल प्रबंधन ले रहा है और न ही शिक्षा विभाग.

बारिश में जंग खा रहीं साइकिल

सरकारी स्कूलों से करीब 3 किलोमीटर दूर रहने वाले छात्रों को स्कूल से जोड़ने के लिए सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश सरकार निशुल्क साइकिल देती है. ताकि अभिभावकों पर बच्चों के आने-जाने का अतिरिक्त भार न पड़े और छात्रों को भी स्कूल आने में सुविधा रहे. बीते 24 जून को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस योजना का शुभारंभ झाबुआ से किया था, लेकिन स्कूल प्रबंधन की अनदेखी और लापरवाही की चले हजारों साइकिल बारिश होने के बाद खुले में जंग खा रही हैं.

सरकारी योजना के तहत दी जाने वाली इन साइकिलों का निर्माण विकासखंड स्तर पर स्कूलों में पिछले दो माह से सप्लायर्स द्वारा किया जा रहा है. एक पखवाड़े से जारी बारिश के बावजूद स्कूलों में बनने वाली साइकिलों को मेघनर के सरकारी स्कूल में सुरक्षित स्थान पर नहीं रखा गया, जिससे उनके कलपुर्जों में जंग लग रही है. मामले में कलेक्टर और शिक्षा विभाग का ध्यान भी इस ओर नहीं है. जिससे निशुल्क साइकिल वितरण की सरकारी योजना को बट्टा लग रहा है.

Intro:झाबुआ : सरकारी स्कूलों से दूर रहने वाले ऐसे छात्र-छात्राएं को स्कूलों से जोड़े रखने के लिए सर्व शिक्षा अभियान के तहत सरकार सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को निशुल्क साइकिल देती है। स्कूल से 3 किलोमीटर दूर रहने वाले छात्र छात्राओं को इसकी पात्रता रहती है ताकि अभिभावकों पर आने-जाने का अतिरिक्त खर्च ना पड़े और विद्यार्थियों को भी स्कूल आने में सुविधा रहे । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस योजना का शुभारंभ 24 जून को झाबुआ से किया था


Body:सरकारी योजना के तहत दी जाने वाली इन साइकिलों का निर्माण जिले सहित विकासखंड स्तर पर स्कूलों में पिछले एक- डेढ़ महीना से सप्लायर्स द्वारा किया जा रहा था। जिले में एक पखवाड़े से जारी वर्षा के बावजूद विभिन्न स्कूलों में बनी साइकिलों को ना तो सुरक्षित स्थानों पर रखा जा रहा है और ना ही बारिश से साइकिल के कल- पुर्जों को बचाया जा रहा है। बारिश में रखे कल पुर्जों में जंग लगने से साइकिल के खराब होने की भी आशंका बनी हुई है ।


Conclusion:इस मामले में न तो जिला कलेक्टर और ना ही शिक्षा विभाग सरकारी योजना की इन साइकिलों को सुरक्षित रखने का कोई प्रयास कर रहे हैं । स्थानीय स्तर पर स्कूल प्रबंधन ओर सप्लायर इन साइकिलों को सुरक्षित रखने में कोई रुचि दिखा रहे हैं ,जिससे निशुल्क साइकिल वितरण की सरकारी योजना को बट्टा लग रहा है ।
Last Updated : Jul 3, 2019, 9:24 PM IST
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