झाबुआ। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनी दो सड़कों के सामान्य मेंटेनेंस का काम अब महिला स्वयं सहायता समूह संभालेगी. इसके लिए मप्र सड़क विकास प्राधिकरण ने प्रदेश का पहला एमओयू झाबुआ जिले के ग्राम करड़ावद बड़ी के राखी आजीविका महिला बचत समूह के साथ किया है. 5 साल के लिए यह कॉन्ट्रैक्ट हुआ है और इस करार में पहले साल में सड़क विकास प्राधिकरण 23 हजार 300 रुपए प्रति किलोमीटर के मान से समूह को राशि का भुगतान किया जाएगा. इसके बाद हर साल इस राशि में बढ़ोत्तरी होगी. इस प्रयोग को महिला समूह की आय में इजाफे की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताया जा रहा है.
दरअसल, महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा आजीविका के लिए कई अलग-अलग कार्य किए जा रहे हैं. लेकिन ऐसा पहली बार होगा जब सड़कों के सामान्य मेंटेनेंस का काम कोई महिला स्वयं सहायता समूह संभालेगी. इसके लिए राखी महिला बचत समूह को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत झाबुआ-कल्याणपुरा रोड से ग्राम डूंगरालालु तक 1.01 किमी और झाबुआ-मेघनगर रोड से ग्राम करड़ावद बड़ी तक 2.85 किमी तक के रोड के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी सौंपी गई है. मेंटेनेंस का कार्य जून-2023 से मई-2028 तक करना होगा.
इस तरह दोनों सड़कों का मेटनेंस करेगी समूह की महिलाएं: समूह की महिलाओं के द्वारा सड़क के सोल्डर और साइड स्लोप पर उग आई झाड़ियों की पूर्णतः सफाई का कार्य किया जाएगा. यहां पर आवश्यकतानुसार भराव और रखरखाव का कार्य भी करना होगा. सड़क पर निर्मित सभी पुल-पुलिया तथा रपटों में पानी आने और जाने वाले रास्तों की सफाई का कार्य समूह की महिलाएं करेंगी. सड़क पर निर्मित पुल-पुलिया, सड़क पर लगे हुए संकेतक व साइन बोर्ड आदि में सुधार के साथ-साथ शोल्डर में आने वाले अवरोध जैसे पेड़, बिजली के पोल और संकेतकों सहित सभी पुताई और लिखाई का कार्य भी होगा. सड़क में प्रत्येक किलोमीटर और 200 मीटर पर लगे हुए पत्थरों में आवश्यकतानुसार सुधार और पुताई-लिखाई का कार्य भी समूह की महिलाएं करेंगी. सड़क के दोनों ओर कच्ची व पक्की नालियों की सफाई का जिम्मा भी महिला समूह का ही रहेगा.
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महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया है ये प्रयोग: झाबुआ के कलेक्टर तन्वी हुड्डा ने कहा कि "शासन की मंशा है कि महिलाओं के आय के अलग-अलग साधन से जोड़ते हुए उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम और आत्मनिर्भर बनाया जाए. उसी दिशा में ये यह पहला कदम उठाया गया है. सड़कों के मेंटेनेंस कार्य से महिलाओं को अगले पांच साल तक आय होगी. हम आगे भी इसी तरह से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए नए प्रयास करते रहेंगे."
पहले मजदूरी का भाव था, अब खुद मालिक हैं हम: राखी आजीविका महिला बचत समूह के अध्यक्ष मनता कटारा ने बताया कि सड़क के किनारे सफाई करना और झाड़ियां काटने का काम तो गांव की महिलाओं ने पहले भी किया है, लेकिन तब मजदूरी का भाव आता था. अब तो हम खुद मालिक हैं. हम बेहतर तरीके से दोनों सड़कों का मेटेनेंस कर के दिखाएंगे." झाबुआ के ब्लॉक मैनेजर तृप्ति बैरागी ने कहा कि मध्यप्रदेश डे पर राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े महिला स्वयं सहायता समूहों को अलग-अलग गतिविधि से जोड़ा जा रहा है. जिससे उनकी आय में इजाफा हुआ है.