झाबुआ। शहर के प्रमुख पर्यटन स्थल हाथीपावा की पहाड़ी पर तेंदुआ नजर आया है. लिहाजा सुरक्षा कारणों के चलते वन विभाग ने आगामी आदेश तक पर्यटन स्थल पर आम लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. डीएफओ ने सभी से व्यवस्था में सहयोग की अपील की है. दरअसल हाथीपावा की पहाड़ी के पश्चिमी हिस्से में नीचे का जंगल है और यहां दो से तीन तेंदुओं ने अपना बसेरा बना रखा है. चूंकि इन दिनों गर्मी के चलते जंगल में जल स्त्रोत सूख गए हैं, ऐसे में अब वन्य प्राणी पानी की तलाश में हाथीपावा की पहाड़ी पर आ पहुंचे हैं. यहां पौधों को सूखने से बचाने के लिए हाथीपावा मॉर्निंग क्लब द्वारा हर दो दिन में अलग-अलग सेक्टर में बनी टंकिया में पानी भरा जाता है. ऐसे में वन्य प्राणियों के लिए भी पानी का पर्याप्त इंतजाम हो गया है.
वन विभाग के सूत्रों के अनुसार, यहां पिछले कुछ दिनों से रोजाना शाम के वक्त एक तेंदुआ आ रहा है, जो काफी देर तक पानी की टंकी के पास पेड़ के नीचे आराम करता है. चूंकि हाथीपावा की पहाड़ी प्रमुख पर्यटन स्थल है, ऐसे में बड़ी संख्या में लोग यहां पिकनिक मनाने के लिए आते हैं. इसके अलावा सुबह और शाम के वक्त भी काफी संख्या में लोग घूमने जाते हैं. ऐसे में संभवना है कि तेंदुआ किसी पर पर हमला कर सकता है. लिहाजा वन विभाग ने पर्यटन स्थल के प्रवेश द्वार पर ताला लगाने के साथ अगले कुछ दिनों के लिए आम लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी है. इससे तेंदुआ सुरक्षित रहेगा और लोगों को भी किसी तरह का नुकसान नहीं उठाना होगा.
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12 दिन पहले तेंदुए के हमले में पांच लोग हुए थे घायल: गत 21 मई को तेंदुआ ग्राम डूंगरालालू में घुस आया था. इस दौरान उसने पांच ग्रामीणों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया था. गनीमत रही कि किसी की जान नहीं गई. अब दोबारा ऐसी स्थिति निर्मित न हो, इसके लिए ही वन विभाग सारी कवायद में लगा है.
आगामी आदेश तक प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा: हाथीपावा की पहाड़ी पर तेंदुआ देखा गया है. सुरक्षा कारणों के चलते फिलहाल आगामी आदेश तक पहाड़ी पर आम लोगों के आवागमन को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जा रहा है. हमारी सभी लोगों से अपील है कि वे व्यवस्था में सहयोग प्रदान करें और पहाड़ी पर घूमने ने जाए. तेंदुआ बेहद हिंसक जानवर होता है और कभी भी हमला कर सकता है. हाथीपावा मॉर्निंग क्लब वन विभाग के साथ है. हमारा भी एक ही उद्देश्य है पर्यावरण के साथ वन्य प्राणियों की सुरक्षा. वन विभाग कुछ ऐसी व्यवस्था जमा दे, जिससे पौधों को पानी मिलता रहे और मोरों को भी नियमित दाना डाला जा सके.