झाबुआ। बालवासा बैराज निर्माण की गुणवत्ता की जांच होगी. इसके लिए भोपाल से दो सदस्यीय जांच दल झाबुआ आएगा. जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता मदन सिंह डावर ने जांच के आदेश दिए हैं. जांच दल में सहायक यंत्री मुकेश मिश्रा और उपयंत्री आरके देवगण शामिल हैं. संभवतः ये दोनों अधिकारी एक दो रोज में आकर स्थल निरीक्षण करने पहुचेंगे. जिससे पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.
डैम की लागत 7 करोड़ 22 लाखः गौरतलब है कि जनपद पंचायत थांदला की ग्राम पंचायत बालवासा में जल संसाधन विभाग द्वारा बैराज का निर्माण किया जा रहा है. इसकी लागत करीब 7 करोड़ 22 लाख है. निर्माण कार्य नियमों को ताक में रखकर किया गया. वर्तमान में गुजरात साइड में महज 20 मीटर लंबाई में काम बाकी बचा है. जिस तरह से बैराज का निर्माण हुआ है, उससे भविष्य में यहां सीमावर्ती धार जिले के कारम डैम जैसा हादसा हो सकता है. निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर लगातार उठ रहे सवालों के बाद आखिरकार वरिष्ठ अधिकारियों की नींद खुली और उन्होंने देर से ही सही निर्माण कार्य की जांच के आदेश देते हुए दो सदस्यीय जांच दल गठित कर दिया.अब ये दल स्थल निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रमुख अभियंता को सौंपेगा. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
अधीक्षण यंत्री और जनप्रतिनिधि उठा चुके हैं सवालः बालवासा बैराज निर्माण की गुणवत्ता को लेकर खुद विभाग के अधीक्षण यंत्री अरुण चौहान भी सवाल उठा चुके हैं. वे गत 8 जनवरी को स्थल निरीक्षण करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने भी निर्माण में तकनीकी खामी को माना था. वहीं युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया और भाजपा जिलाध्यक्ष भानू भूरिया भी गुणवत्ता पर सवाल उठा चुके हैं. भाजपा जिलाध्यक्ष ने तो बकायदा मुख्यमंत्री को ही चिट्ठी लिख दी थी. जबकि युवक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया ने निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कह दिया था कि यही हालत रहे तो सीमावर्ती धार जिले के कारम डैम जैसा हादसा यहां हो सकता है. इसके बावजूद भी कोई कार्यवाई नहीं की गई थी.