झाबुआ। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला अस्पतालों में विशेषज्ञों डॉक्टरों की कमी के चलते मरीजों को सीमावर्ती राज्य गुजरात जाकर इलाज कराना पड़ता है. दरअसल जिले में प्रथम श्रेणी के डॉक्टरों के 84 पद हैं, जबकि 13 डॉक्टर ही फिलहाल कार्यरत हैं. द्वितीय श्रेणी मेडिकल ऑफिसर के 79 पदों में से 58 डॉक्टर ही काम कर रहे हैं. जिला अस्पताल में सीटी स्कैन MRI जैसी जांचों के लिए मशीन नहीं है, इन कारणों से मरीजों को अन्य राज्यों या बड़े शहरों पर निर्भर रहना पड़ता है.
⦁ झाबुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला अस्पतालों में विशेषज्ञों डॉक्टर की कमी.
⦁ जिले में प्रथम श्रेणी के 84 डॉक्टरों के पद खाली हैं, जबकि 13 डॉक्टर ही फिलहाल कार्यरत हैं.
⦁ द्वितीय श्रेणी मेडिकल ऑफिसर के 79 पदों में से 58 डॉक्टर ही काम कर रहे हैं.
⦁ जिला अस्पताल में सीटी स्कैन MRI जैसी जांचों के लिए मशीन नहीं है.
⦁ मरीजों को अन्य राज्यों या बड़े शहरों पर निर्भर रहना पड़ता है.
⦁ यहां के विधायकों ने कभी इन मुद्दों को विधानसभा या सरकार के सामने नहीं उठाया.