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मवेशियों को टमाटर खिलाने को मजबूर किसान, बंपर पैदावार लेकिन नहीं मिल रहे दाम

झाबुआ जिले के पेटलावद और खवासा इलाके में टमाटर की बंपर पैदावार हुई है, लेकिन इसका सही दाम नहीं मिलने से फसल की लागत भी नहीं निकल पा रही है, जिसके चलते किसान अपनी उपज मवेशियों को खिलाने के लिए मजबूर हैं.

Farmers feeding tomatoes to animals
मवेशियों को टमाटर खिलाने को मजबूर किसान
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Published : Feb 6, 2020, 1:12 PM IST

Updated : Feb 6, 2020, 3:11 PM IST

झाबुआ। जिले के पेटलावद और खवासा इलाके में टमाटर की बंपर पैदावार हुई है. इसके चलते यहां के किसान मुख्य रूप से टमाटर की खेती करते हैं, लेकिन इन दिनों टमाटर की मांग ना होने और मंडियों में कम भाव मिलने से किसान परेशान हैं और अपनी उपज को मवेशियों को खिलाने के लिए मजबूर हैं.

मवेशियों को टमाटर खिलाने को मजबूर किसान

इन दिनों टमाटर का भाव महज 2 से 4 रुपए प्रति किलो है, अब कहीं किसान टमाटरों को मवेशियों को खिला रहे हैं, तो कहीं खुली सड़क पर फेंक रहे हैं. किसानों का कहना है कि वर्तमान भाव में टमाटर को खेत से तुड़वाने की लागत भी नहीं निकल रही है.

पिछले एक साल से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. पहले अधिक बारिश होने से टमाटर खराब हो गए और अब अच्छी उपज होने के बाद भी भाव नहीं मिल रहा है. वहीं भारत-पाकिस्तान में आई खटास के बाद से ही वहां टमाटर का निर्यात नहीं किया जा रहा, जिसके चलते इसके भाव और मांग पर भी असर पड़ा है.

झाबुआ। जिले के पेटलावद और खवासा इलाके में टमाटर की बंपर पैदावार हुई है. इसके चलते यहां के किसान मुख्य रूप से टमाटर की खेती करते हैं, लेकिन इन दिनों टमाटर की मांग ना होने और मंडियों में कम भाव मिलने से किसान परेशान हैं और अपनी उपज को मवेशियों को खिलाने के लिए मजबूर हैं.

मवेशियों को टमाटर खिलाने को मजबूर किसान

इन दिनों टमाटर का भाव महज 2 से 4 रुपए प्रति किलो है, अब कहीं किसान टमाटरों को मवेशियों को खिला रहे हैं, तो कहीं खुली सड़क पर फेंक रहे हैं. किसानों का कहना है कि वर्तमान भाव में टमाटर को खेत से तुड़वाने की लागत भी नहीं निकल रही है.

पिछले एक साल से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. पहले अधिक बारिश होने से टमाटर खराब हो गए और अब अच्छी उपज होने के बाद भी भाव नहीं मिल रहा है. वहीं भारत-पाकिस्तान में आई खटास के बाद से ही वहां टमाटर का निर्यात नहीं किया जा रहा, जिसके चलते इसके भाव और मांग पर भी असर पड़ा है.

Intro:झाबुआ : झाबुआ जिले के पेटलावद और खवासा इलाके में टमाटर की बंपर पैदावार होती है। इसके चलते यहां को किसानों को टमाटर से आर्थिक लाभ होता है ,मगर इन दिनों टमाटर की मांग ना होने और मंडियों में कम भाव मिलने से किसान परेशान है। यह वही टमाटर है जो भारत की सीमा पार कर कभी पाकिस्तान के जायके का अहम हिस्सा हुआ करता था।


Body:भारत-पाकिस्तान में आई खटास के बाद से ही पिछले कई वर्षों से पाकिस्तान को टमाटर का निर्यात नहीं किया जा रहा जिसके चलते इसके भाव और मांग पर भी असर पड़ा है। पेटलावद इलाके से निकलने वाला टमाटर अहमदाबाद और दिल्ली की मंडियों में जाता है,मगर भाव कम होने से किसानों को अब लागत की चिंता सताने लगी है। अधिक बारिश के चलते पहली दौर का टमाटर दागी होने के चलते खराब हो गया था ,जिसके चलते अधिक भाव होने के बावजूद यहाँ के किसानों को उसका लाभ नहीं मिल पाया।


Conclusion:इन दिनों टमाटर की बंपर पैदावार हो रही है जिसके चलते किसान अपने टमाटर महज 2 से ₹4 प्रति किलो के भाव से बेचने को मजबूर हो रहे हैं। अधिक पैदावार के चलते किसान इन टमाटर का उपयोग मवेशियों के आहार के रूप में कर रहे हैं। टमाटर को तुड़वाने में लगने वाली लागत को कम करने के लिए किसान कई तरह के जतन कर रहे हैं। अधिक ट्रांसपोर्टिंग और भाव ना मिलने के चलते कई किसानों ने टमाटरों को फेंकना भी शुरू कर दिया है ।
बाइट 01: टमाटर उत्पादक किसान
बाइट02 :टमाटर उत्पादक किसान
कीवर्ड्स
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Last Updated : Feb 6, 2020, 3:11 PM IST
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