झाबुआ। गुजरात से लाखों प्रवासी मज़दूरों की वापसी के बावजूद अभी भी श्रमिकों के आने का सिलसिला थमा नहीं है. केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षित घर वापसी के लिए निर्देश दिए थे, लेकिन गुजरात और मध्य प्रदेश सरकार में समन्वय ना होने के चलते मजदूरों को इसकी बड़ी कीमत चुकाना पड़ रही है.
मध्य प्रदेश के गुना, नरसिंहपुर सहित कई जिलों में प्रवासी श्रमिकों से भरे वाहन वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने से कई श्रमिकों की मौत हो चुकी है. बावजूद इसके गुजरात से प्रदेश के पिटोल बॉर्डर पर आने वाले श्रमिक अभी भी भेड़-बकरियों की तरह ट्रक और टेंपो में सवार होकर यहां पहुंच रहे हैं. बड़ी संख्या में ट्रक और टेंपो में ओवरलोड होकर आ रहे इन श्रमिक अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर घर लौटने को मजबूर हो रहे हैं.
गुजरात से आने वाले श्रमिको को चार गुना किराया देने के बाद भी सुरक्षित यात्रा नसीब नहीं हो रही है. मध्यप्रदेश में घर वापसी के लिए निजी वाहनों में ओवरलोडिंग कर घर पहुंच रहे, श्रमिक हर पल अपनी जान खतरे में डाल रहे हैं. गुजरात सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिकों के लिए पर्याप्त वाहन सुविधा होने ना होने से मजदूरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.