झाबुआ। जिले में सांप काटने से मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. ताजा मामला मेघनगर के मोर डूंगरा से सामने आया, जहां 5 साल के बच्चे की सांप के काटने से मौत हो गई.
आदिवासियों मे अशिक्षा और जागरूकता की कमी के चलते 5 साल के मासूम की मौत हो गई, परिजनों ने वक्त पर उसे अस्पताल पहुंचाने की बजाए तांत्रिक के पास ले गये, लेकिन तब तक जहर पूरे शरीर में फैल चुका था, जिसकी वजह से बच्चे कि मौत हो गयी, जिसके बाद परिजन शव को लेकर मेघनगर अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
ग्रामीण आज भी अपनी तमाम छोटी-बड़ी बीमारियों का उपचार तंत्र विद्या से करवाने पर विश्वास करते है. ऐसे लोगों को जिला प्रशासन जागरूक करने की बजाय शहरों में जन जागरूकता कार्यक्रम चलाता है, जिसका गांव के लोगों पर कोई असर नहीं पड़ता. सांप काटने जैसी घटनाओं में जहां तुरंत उपचार जरूरी होता है, लोग सबसे आखरी में आते हैं जिससे पीड़ित की मौत हो जाती है.