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झाबुआः 'बर्ड फ्लू से बचाव के लिए खास सावधानी बरतने की जरूरत'

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Published : Jan 21, 2021, 11:57 PM IST

झाबुआ में कलेक्टर रोहित सिंह बर्ड फ्लू की तैयारी को लेकर बैठक ली. बैठक में कलेक्टर ने कर्मचारियों और अधिकारियों को बर्ड फ्लू से बचने के निर्देश दिए.

advisory released in terms of bird flu
बर्ड फ्लू से बचाव के निर्देश

झाबुआ। पशुपालन विभाग के निर्देशों के बाद झाबुआ में बर्ड फ्लू की तैयारी एवं आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए कलेक्टर रोहित सिंह ने गुरूवार को पशुपालन विभाग, वन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय निकाय एवं पुलिस विभाग के जिला अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में उपसंचालक ने बताया कि अभी तक जिले में एक कौआ और एक कबूतर मृत पाए गए हैं. मृत पक्षियों को प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया है.

संचालकों को किया अलर्ट

अभी तक मुर्गीयों में इस बीमारी का प्रकोप नहीं है. लेकिन एहतियात के तौर 10 सैम्पलों प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया है. इस संबंध में पोल्ट्री फार्मिंग का कारोबार करने वाले को भी अलर्ट किया गया है और सावधानी रखने के निर्देश दिए गये है.

सैंपलिंग के लिए पीपीई किट का प्रयोग करने की नसीहत

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कलेक्टर के निर्देशानुसार मृत पक्षियों, कौओं के शव परीक्षण, सैम्पलिंग एवं डिस्पोजल के निर्देश दिए. कार्यरत अधिकारी और कर्मचारी के लिए 40 पीपीई कीट तत्काल उपलब्ध कराने की बात कही.

कंट्रोल रूम बनाया गया

बर्ड फ्लू से संबंधित जानकारियों के लिए कलेक्टर के निर्देश पर जिले में कन्ट्रोल रूम एवं विकास खण्डवार आरआरटी का गठन कर लिया गया है. जिसके माध्यम से तुरंत कार्कयवाही करने के निर्दश दिए. इस दौरान जनता में अनावश्यक भ्रम न फैले तथा जनता में भय का माहोल निर्मित न हो.

बर्ड फ्लू के मुख्य लक्षण में

  • असामान्य अधिक संख्या में पक्षियों की मृत्यु होना, आखों, गर्दन और सिर के आस-पास सुजन
  • पंखो,कंलगी, पंजों का रंग बदलना .
  • अण्डा उत्पादन में अचानक कमी आ जाना

झाबुआ। पशुपालन विभाग के निर्देशों के बाद झाबुआ में बर्ड फ्लू की तैयारी एवं आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए कलेक्टर रोहित सिंह ने गुरूवार को पशुपालन विभाग, वन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय निकाय एवं पुलिस विभाग के जिला अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में उपसंचालक ने बताया कि अभी तक जिले में एक कौआ और एक कबूतर मृत पाए गए हैं. मृत पक्षियों को प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया है.

संचालकों को किया अलर्ट

अभी तक मुर्गीयों में इस बीमारी का प्रकोप नहीं है. लेकिन एहतियात के तौर 10 सैम्पलों प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया है. इस संबंध में पोल्ट्री फार्मिंग का कारोबार करने वाले को भी अलर्ट किया गया है और सावधानी रखने के निर्देश दिए गये है.

सैंपलिंग के लिए पीपीई किट का प्रयोग करने की नसीहत

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कलेक्टर के निर्देशानुसार मृत पक्षियों, कौओं के शव परीक्षण, सैम्पलिंग एवं डिस्पोजल के निर्देश दिए. कार्यरत अधिकारी और कर्मचारी के लिए 40 पीपीई कीट तत्काल उपलब्ध कराने की बात कही.

कंट्रोल रूम बनाया गया

बर्ड फ्लू से संबंधित जानकारियों के लिए कलेक्टर के निर्देश पर जिले में कन्ट्रोल रूम एवं विकास खण्डवार आरआरटी का गठन कर लिया गया है. जिसके माध्यम से तुरंत कार्कयवाही करने के निर्दश दिए. इस दौरान जनता में अनावश्यक भ्रम न फैले तथा जनता में भय का माहोल निर्मित न हो.

बर्ड फ्लू के मुख्य लक्षण में

  • असामान्य अधिक संख्या में पक्षियों की मृत्यु होना, आखों, गर्दन और सिर के आस-पास सुजन
  • पंखो,कंलगी, पंजों का रंग बदलना .
  • अण्डा उत्पादन में अचानक कमी आ जाना
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