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विश्व साइकिल दिवस: करोड़ों की लागत से बना साइकिल ट्रैक हुआ जर्जर

जबलपुर में स्मार्ट सिटी के तहत बनाए गए साइकिलिंग ट्रैक लापरवाही के चलते किसी काम के नहीं है. करोड़ों की लागत से बना शहर का साइकलिंग ट्रैक अतिक्रमण और रखरखाव के अभाव में गुम हो गया है.

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Published : Jun 2, 2021, 7:01 PM IST

Updated : Jun 3, 2021, 8:53 PM IST

The cycle track built at a cost of crores became dilapidated
करोड़ों की लागत से बना साइकिल ट्रैक हुआ जर्जर

जबलपुर। कोरोना संक्रमण में अपने आपको चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए अधिकतर लोगों ने साइकलिंग करना शुरू कर दिया. जबलपुर की सड़कों पर इन दिनों साइकलिंग करन वालों की तादात बढ़ गई है, लेकिन शहर में स्मार्ट सिटी के तहत बनाए गए साइकिलिंग ट्रैक लापरवाही के चलते किसी काम के नहीं है. करोड़ों की लागत से बना शहर का साइकलिंग ट्रैक अतिक्रमण और रखरखाव के अभाव में गुम हो गया है.

करोड़ों की लागत से बना साइकिल ट्रैक हुआ जर्जर

कटंगा से ग्वारीघाट तक बना ट्रैक

स्मार्ट सिटी जबलपुर ने साल 2018 में कटंगा से ग्वारीघाट तक करीब 5.5 किलोमीटर का साइकिल ट्रैक बनवाया था. इसका उद्देश्य था कि साइकलिंग के लिए अलग से डेडिकेटेड ट्रैक होने पर लोग सेहत और पर्यावरण के प्रति जागरुक होंगे. लेकिन 3 ही सालों में साइकिल ट्रेक गुमनामी के अंधेरे में खो गया है. अतिक्रमण और बेरुखी के चलते ये साइकिल ट्रैक बदहाल हो गया है.

अधिकारियों की बेतुकी दलील

साइकिल ट्रैक का रखरखाव न होना, समय पर मरम्मत न होना और देखरेख न होने के चलते ये साइकिल ट्रैक गायब हो गया है. कई स्थानों साइकिल ट्रैक पर लोगों के वाहन पार्किंग करना शुरू कर दिया है, तो कहीं साइकिल ट्रैक पर ही दुकान सज गई हैं. असिस्टेंट मैनेजर सम्भव आयची की माने तो स्मार्ट सिटी ने आमजन के लिए कटंगा से ग्वारीघाट तक 4 करोड़ की लागत से ट्रैक बनवाया है, जिसकी लंबाई करीब 5.5 किलोमीटर है. इसके अलावा भातखण्डे से नवभारत तक 7 करोड़ की लागत से 1.2 किलोमीटर और नवभारत से नोदरा ब्रिज तक 2.5 करोड़ रु खर्च कर ट्रैक बनवाया है. जिसका समय पर मेंटेनेंस किया जाता है.

लोगों को होना होगा जागरूक

साइकिल चलाने वालों के लिए स्मार्ट सिटी ने करोड़ों रुपए खर्च कर ट्रैक बनवाए. लेकिन आज ये ट्रैक गुम होने के कगार में आ गए है. हर जगह ट्रैक के बीच में लोगों ने अपने वाहन पार्क कर दिए है, या फिर अपनी दुकान लगा दी है. स्मार्ट सिटी आशिक के असिस्टेंट मैनेजर संभव अयाची की मानें तो निश्चित रूप से साइकिल ट्रैक पर अतिक्रमण हो रहा है. इसके लिए लोगों को खुद जागरूक होना होगा.

मध्यप्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, बिना परीक्षा दिए पास होंगे 12वीं के छात्र

बिना सोचे समझे खर्च किए करोड़ों

स्मार्ट सिटी के काम को लेकर कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि साइकिल ट्रैक शहर में बनाए गए यह अच्छी बात है. लेकिन जिस जगह ट्रैक बनाया जा रहा था, पहले उस स्थान पर जाकर सर्वे होना चाहिए था. अब साइकिल ट्रैक के नाम पर स्मार्ट सिटी ने करोड़ों रुपए खर्च कर दिए और जिसका नतीजा आज सबके सामने हैं. कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत अधिकतर काम जो हुए हैं उसमे जनता के पैसों की बर्बादी हुई है उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी एक तरफ नई-नई योजनाएं लेकर आ रहा है तो वही पहले की योजनाओं पर ध्यान ना देते हुए उसे बर्बाद होने के लिए छोड़ देता है.

कोरोना काल में खूब बिकी साइकिल

कोरोना संक्रमण के समय अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लोगों ने खूब साइकिल खरीदी. लेकिन शहर में जब लोग साइकिल के लिए जागरुक होने लगे तब शहर का साइकिल ट्रैक ही गायब हो गया. इधर साइकिल विक्रेता की माने तो बीते साल लोगों ने बहुत साइकिल खरीदी थी लेकिन इस साल लोग साइकिल को लेकर कम जागरुक नजर आ रहे हैं.

जबलपुर। कोरोना संक्रमण में अपने आपको चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए अधिकतर लोगों ने साइकलिंग करना शुरू कर दिया. जबलपुर की सड़कों पर इन दिनों साइकलिंग करन वालों की तादात बढ़ गई है, लेकिन शहर में स्मार्ट सिटी के तहत बनाए गए साइकिलिंग ट्रैक लापरवाही के चलते किसी काम के नहीं है. करोड़ों की लागत से बना शहर का साइकलिंग ट्रैक अतिक्रमण और रखरखाव के अभाव में गुम हो गया है.

करोड़ों की लागत से बना साइकिल ट्रैक हुआ जर्जर

कटंगा से ग्वारीघाट तक बना ट्रैक

स्मार्ट सिटी जबलपुर ने साल 2018 में कटंगा से ग्वारीघाट तक करीब 5.5 किलोमीटर का साइकिल ट्रैक बनवाया था. इसका उद्देश्य था कि साइकलिंग के लिए अलग से डेडिकेटेड ट्रैक होने पर लोग सेहत और पर्यावरण के प्रति जागरुक होंगे. लेकिन 3 ही सालों में साइकिल ट्रेक गुमनामी के अंधेरे में खो गया है. अतिक्रमण और बेरुखी के चलते ये साइकिल ट्रैक बदहाल हो गया है.

अधिकारियों की बेतुकी दलील

साइकिल ट्रैक का रखरखाव न होना, समय पर मरम्मत न होना और देखरेख न होने के चलते ये साइकिल ट्रैक गायब हो गया है. कई स्थानों साइकिल ट्रैक पर लोगों के वाहन पार्किंग करना शुरू कर दिया है, तो कहीं साइकिल ट्रैक पर ही दुकान सज गई हैं. असिस्टेंट मैनेजर सम्भव आयची की माने तो स्मार्ट सिटी ने आमजन के लिए कटंगा से ग्वारीघाट तक 4 करोड़ की लागत से ट्रैक बनवाया है, जिसकी लंबाई करीब 5.5 किलोमीटर है. इसके अलावा भातखण्डे से नवभारत तक 7 करोड़ की लागत से 1.2 किलोमीटर और नवभारत से नोदरा ब्रिज तक 2.5 करोड़ रु खर्च कर ट्रैक बनवाया है. जिसका समय पर मेंटेनेंस किया जाता है.

लोगों को होना होगा जागरूक

साइकिल चलाने वालों के लिए स्मार्ट सिटी ने करोड़ों रुपए खर्च कर ट्रैक बनवाए. लेकिन आज ये ट्रैक गुम होने के कगार में आ गए है. हर जगह ट्रैक के बीच में लोगों ने अपने वाहन पार्क कर दिए है, या फिर अपनी दुकान लगा दी है. स्मार्ट सिटी आशिक के असिस्टेंट मैनेजर संभव अयाची की मानें तो निश्चित रूप से साइकिल ट्रैक पर अतिक्रमण हो रहा है. इसके लिए लोगों को खुद जागरूक होना होगा.

मध्यप्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, बिना परीक्षा दिए पास होंगे 12वीं के छात्र

बिना सोचे समझे खर्च किए करोड़ों

स्मार्ट सिटी के काम को लेकर कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि साइकिल ट्रैक शहर में बनाए गए यह अच्छी बात है. लेकिन जिस जगह ट्रैक बनाया जा रहा था, पहले उस स्थान पर जाकर सर्वे होना चाहिए था. अब साइकिल ट्रैक के नाम पर स्मार्ट सिटी ने करोड़ों रुपए खर्च कर दिए और जिसका नतीजा आज सबके सामने हैं. कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत अधिकतर काम जो हुए हैं उसमे जनता के पैसों की बर्बादी हुई है उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी एक तरफ नई-नई योजनाएं लेकर आ रहा है तो वही पहले की योजनाओं पर ध्यान ना देते हुए उसे बर्बाद होने के लिए छोड़ देता है.

कोरोना काल में खूब बिकी साइकिल

कोरोना संक्रमण के समय अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लोगों ने खूब साइकिल खरीदी. लेकिन शहर में जब लोग साइकिल के लिए जागरुक होने लगे तब शहर का साइकिल ट्रैक ही गायब हो गया. इधर साइकिल विक्रेता की माने तो बीते साल लोगों ने बहुत साइकिल खरीदी थी लेकिन इस साल लोग साइकिल को लेकर कम जागरुक नजर आ रहे हैं.

Last Updated : Jun 3, 2021, 8:53 PM IST
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