जबलपुर। दिल्ली में अपने अधिकारों के लिए मांग कर रहे किसानों को इस बजट से विशेष उम्मीदें है. बजट को लेकर किसानों की मांग है कि मोदी सरकार पहले ही वादा कर चुकी है कि किसानों की आय दोगुनी की जाएगी, दूसरी ओर खेती किसानी में इस्तेमाल आने वाली सभी चीजों के दाम अनाप-शनाप रूप से बढ़ गए. खेती में ट्रैक्टर की वजह से बड़ी तादाद में डीजल का इस्तेमाल होता है और डीजल के बढ़े हुए दामों ने किसानों की कमर तोड़ दी है. महंगे बीज और खाद और इन पर लगने वाला टैक्स किसानों की लागत बढ़ा रहे हैं. इसलिए सरकार को खेती की लागत कम करने का उपाय करना चाहिए, इससे किसान की आय बढ़ेगी.
स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों पर अमल की मांग
किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार को बजट में इस बात का प्रावधान रखना चाहिए कि किसानों की फसल समर्थन मूल्य से कम पर ना बिके और समर्थन मूल्य भी महंगाई और लागत के हिसाब से नए तरीके से तय किए जाने चाहिए, क्योंकि बाकी चीजों की अपेक्षा किसान की फसल का दाम उस अनुपात में नहीं बढ़ा. जिस अनुपात में दूसरी चीजों की महंगाई बढ़ी है. इसलिए सरकार को इस खाई को पाटना चाहिए
कांग्रेस सरकार ने मध्य प्रदेश में किसानों का कर्ज माफ किए थे, इससे किसानों को बड़ी राहत मिली थी हालांकि अभी केंद्र सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है. इसके अलावा कृषि कानूनों को वापस लेने की भी किसान पुरजोर मांग कर रहे हैं.