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झंडा सत्याग्रह: आजादी की रक्षा के लिए नहीं छोड़ेंगे कोई कसर- केंद्रीय मंत्री

जबलपुर से ही 18 मार्च 1923 को झंडा सत्याग्रह की शुरुआत हुई थी. इसी दिन देश में पहली बार झंडा फहराया गया था. इस मौके पर केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने झंडारोहण किया.

jhanda satyagrah
झंडा सत्याग्रह
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Published : Jun 19, 2021, 9:18 AM IST

जबलपुर। आजादी के दीवानों की ओर से किए गए झंडा सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष के दौरान देश भर में घर-घर झंडा फहराया जाएगा. शताब्दी वर्ष दो साल बाद आयोजित होगा. केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने जबलपुर में झंडा सत्याग्रह कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बहुत संघर्ष एवं तपस्या के बाद मिली आजादी की रक्षा और देश के विकास के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.

फिर ताजा हुईं झंडा सत्याग्रह की यादें
दरअसल, आजादी के अमृत महोत्सव के सिलसिले में शुक्रवार को जबलपुर में 1923 में हुए झंडा सत्याग्रह की यादें फिर से तरोताजा हो गईं. झंडा सत्याग्रह के जरिए क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी सरकार की चूलें हिला दी थीं. ऐसे में शुक्रवार को गरिमामय माहौल में कोविड गाइडलाइन के नियमों का पालन करते हुए झंडा सत्याग्रह कार्यक्रम मनाया गया.

गाजे बाजे के साथ हुई कार्यक्रम की शुरूआत
संस्कृति मंत्रालय एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल मुख्य अतिथि थे. कार्यक्रम की शुरूआत शहर के कमानिया गेट से टाउन हॉल परिसर गांधी भवन तक गाजे बाजे के साथ सांस्कृतिक सत्याग्रह पदयात्रा के साथ हुई.


झंडा दिवस: तिरंगे की रोशनी से नहाई ऐतिहासिक इमारत

केंद्रीय मंत्री ने किया ध्वजारोहण
गांधी भवन में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने झंडारोहण कर अतीत के गौरवशाली पलो की यादें ताजा करते हुए ध्वजारोहण किया, जहां 92 वर्ष पूर्व हमारे अमर शहीदों ने जांबाजी के साथ टाउन हॉल में सबसे पहले झंडा फहराया था. कार्यक्रम के दौरान सत्याग्रहियों के परिवारों को सम्मानित किया गया.

जबलपुर। आजादी के दीवानों की ओर से किए गए झंडा सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष के दौरान देश भर में घर-घर झंडा फहराया जाएगा. शताब्दी वर्ष दो साल बाद आयोजित होगा. केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने जबलपुर में झंडा सत्याग्रह कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बहुत संघर्ष एवं तपस्या के बाद मिली आजादी की रक्षा और देश के विकास के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.

फिर ताजा हुईं झंडा सत्याग्रह की यादें
दरअसल, आजादी के अमृत महोत्सव के सिलसिले में शुक्रवार को जबलपुर में 1923 में हुए झंडा सत्याग्रह की यादें फिर से तरोताजा हो गईं. झंडा सत्याग्रह के जरिए क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी सरकार की चूलें हिला दी थीं. ऐसे में शुक्रवार को गरिमामय माहौल में कोविड गाइडलाइन के नियमों का पालन करते हुए झंडा सत्याग्रह कार्यक्रम मनाया गया.

गाजे बाजे के साथ हुई कार्यक्रम की शुरूआत
संस्कृति मंत्रालय एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल मुख्य अतिथि थे. कार्यक्रम की शुरूआत शहर के कमानिया गेट से टाउन हॉल परिसर गांधी भवन तक गाजे बाजे के साथ सांस्कृतिक सत्याग्रह पदयात्रा के साथ हुई.


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केंद्रीय मंत्री ने किया ध्वजारोहण
गांधी भवन में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने झंडारोहण कर अतीत के गौरवशाली पलो की यादें ताजा करते हुए ध्वजारोहण किया, जहां 92 वर्ष पूर्व हमारे अमर शहीदों ने जांबाजी के साथ टाउन हॉल में सबसे पहले झंडा फहराया था. कार्यक्रम के दौरान सत्याग्रहियों के परिवारों को सम्मानित किया गया.

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