जबलपुर। एक निजी कार्यक्रम में शहर पहुंचे केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि देश को क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों से तो बचा लिया लेकिन सबसे बड़ी चिंता नशे की है. क्योंकि जो नशा अंग्रेज छोड़ गए हैं. अब वक्त आ गया है कि देश को उससे बचाना है. हर साल 20 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत नशे की वजह से हो रही है. इसकी रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए. केंद्रीय राज्य मंत्री ने अपील की कि 2022 के बाद आने वाला साल 2023 है, जिसमें युवा नए साल के जश्न में नशे जैसी पार्टियों से बचें. बल्कि युवा नए साल पर संकल्प लें कि उन्हें हर प्रकार का नशा छोड़ना चाहिए.
व्यक्तिगत अनुभवों को साझा किया : शराबबंदी और नशामुक्ति पर बातचीत करते हुए केंद्र राज्य मंत्री ने व्यक्तिगत अनुभवों को भी साझा किया. उन्होंने बताया कि उनका बच्चा भी नशे के चक्कर में पड़ गया था. जिसे वह बचा नहीं सके. लिवर खराब होने के चलते साल 2020 में उनके बेटे ने अंतिम सांस ली थी, लेकिन उसकी चिता पर आग लगाते वक्त उन्होंने यह संकल्प लिया था कि वह अपना बच्चा तो नहीं बचा सके लेकिन दूसरों के बच्चे नशे से बच सकें, इसका अभियान शुरू करेंगे.
शराबबंदी पर नर्म पड़े उमा भारती के तेवर, बोलीं-सरकार और समाज दोनों को करने होंगे प्रयास
उमाभारती सही कर रही हैं : नशामुक्ति पर बात करते हुए उन्होंने उमा भारती का भी जिक्र किया और कहा कि उमा भारती सही कर रही हैं. विभागीय समीक्षा के सवाल पर उन्होंने बताया कि पीएम आवास योजना की प्रगति अच्छी चल रही है. 2022 तक 1 करोड़ 11 लाख आवास स्वीकृत थे लेकिन अधिक डिमांड आने पर अब इनकी कुल स्वीकृत मंजूर संख्या एक करोड़ 33 लाख. फिलहाल 60 फ़ीसदी काम ही हो पाया है. आने वाले वक्त में जल्द ही बचा हुआ काम किया जाएगा. वहीं स्मार्ट सिटी के काम भी 2023 तक पूरे हो जाएंगे.