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लॉकडाउन में लॉक हुईं घर का भार उठाने वाली महिलाएं, मास्क बनाकर चला रहीं परिवार

लॉकडाउन से वे महिलाएं बहुत परेशान हैं, जिनके कंधों पर पूरे परिवार का भार है. ऐसे में समाजसेवी उन महिलाओं से मास्क बनवा रहे हैं, ताकि उनके परिवार का भी गुजारा हो सके.

Make a mask
मास्क बनाकर घर का गुजारा
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Published : Apr 28, 2020, 2:25 PM IST

Updated : Apr 28, 2020, 3:28 PM IST

जबलपुर। जिले में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉकडाउन जारी है. इससे वे महिलाएं बहुत परेशान हो गई हैं, जिनके ऊपर परिवार पालने की जिम्मेदारी है. प्रशासन ने भी इन महिलाओं की कोई खबर नहीं ली, जोकि परिवार का मुखिया बनकर काम कर रही थीं. प्रशासन वर्तमान में कोरोना वायरस के चलते मास्क का उपयोग करने की हिदायत दे रहा है.

मास्क बनाकर घर का गुजारा

बाजार में मास्क नही मिलने के चलते जरूरतमंद लोगों के पास ये नहीं पहुंच रहा है. ऐसे में एक समाजसेवी सोनू दुबे ने इन महिलाओं को रोजगार देते हुए इनसे मास्क बनवाने का काम सौंपा है. एक महिला रोजाना 100 के करीब मास्क बनाती है. सोनू इन महिलाओं को मास्क के बदले पेमेंट भी देते हैं. जिससे इन महिलाओं के घर का खर्च चल रहा है.

मास्क बनाने के लिए सोनू महिलाओं को कच्चा माल जैसे कपड़ा, रस्सी, धागा देते हैं, जिससे ये महिलाएं मास्क तैयार करती हैं. कोरोना वायरस से निपटने के लिए मास्क बहुत ही कारगर है. वर्तमान में मास्क की बाजार में कमी भी है, जिसके चलते रोजाना ये महिलाएं 400 से 500 मास्क मिलकर बनाती हैं और फिर सोनू इन्हें गरीब और जरूरतमंदों को बांट देते हैं.

जबलपुर। जिले में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉकडाउन जारी है. इससे वे महिलाएं बहुत परेशान हो गई हैं, जिनके ऊपर परिवार पालने की जिम्मेदारी है. प्रशासन ने भी इन महिलाओं की कोई खबर नहीं ली, जोकि परिवार का मुखिया बनकर काम कर रही थीं. प्रशासन वर्तमान में कोरोना वायरस के चलते मास्क का उपयोग करने की हिदायत दे रहा है.

मास्क बनाकर घर का गुजारा

बाजार में मास्क नही मिलने के चलते जरूरतमंद लोगों के पास ये नहीं पहुंच रहा है. ऐसे में एक समाजसेवी सोनू दुबे ने इन महिलाओं को रोजगार देते हुए इनसे मास्क बनवाने का काम सौंपा है. एक महिला रोजाना 100 के करीब मास्क बनाती है. सोनू इन महिलाओं को मास्क के बदले पेमेंट भी देते हैं. जिससे इन महिलाओं के घर का खर्च चल रहा है.

मास्क बनाने के लिए सोनू महिलाओं को कच्चा माल जैसे कपड़ा, रस्सी, धागा देते हैं, जिससे ये महिलाएं मास्क तैयार करती हैं. कोरोना वायरस से निपटने के लिए मास्क बहुत ही कारगर है. वर्तमान में मास्क की बाजार में कमी भी है, जिसके चलते रोजाना ये महिलाएं 400 से 500 मास्क मिलकर बनाती हैं और फिर सोनू इन्हें गरीब और जरूरतमंदों को बांट देते हैं.

Last Updated : Apr 28, 2020, 3:28 PM IST
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