जबलपुर। ढाई महीने बाद दोबारा अंडर ब्रिज के नीचे से आवागमन शुरु हो गया है. प्लेटफार्म को चौड़ा करने के लिए बढ़ाई गई अंडर ब्रिज की लंबाई से लोगों ने राहत की सांस ली है. जबलपुर शहर रेलवे पटरी की दोनों तरफ बसा हुआ है और पटरियों को क्रॉस करने के लिए कुछ अंडरब्रिज हैं. लेकिन शास्त्री ब्रिज से लेकर कछपुरा ब्रिज तक एक ही अंडर ब्रिज है और इस दो किलोमीटर लंबे इलाके में घनी बसाहट है. हजारों लोगों को इस तरफ से उस तरफ जाना आना पड़ता है. शास्त्री ब्रिज पर दिन भर जाम लगा रहता है बड़ी मुश्किल से धीरे-धीरे परिवहन आगे हो पाता है. ऐसे में लोगों को मदन महल स्टेशन के नीचे बने अंडर ब्रिज का सहारा लेना पड़ता है. लेकिन बीते 3 महीने से यह अंडर ब्रिज बंद पड़ा हुआ था. क्योंकि मदन महल स्टेशन का विस्तार किया जा रहा है और प्लेटफार्म को चौड़ा किया जा रहा है.
यह अंडर ब्रिज ठीक स्टेशन के नीचे से होकर निकलता है इसलिए इसे चौड़ा करने के लिए बंद किया गया था. लगभग 80 दिनों बाद आज इस अंडर ब्रिज को खोल दिया गया और 3 महीने का काम ढाई महीने में पूरा करके लोगों को राहत प्रदान की गई है. अंडर ब्रिज के चालू हो जाने से लोगों ने बड़ी राहत की सांस ली है. क्योंकि बड़े भूभाग के बहुत सारे लोगों के लिए आने जाने का यही एकमात्र साधन था. सबसे ज्यादा परेशानी व्यापार करने वाले लोगों को हो रही थी क्योंकि यदि उन्हें पटरी की दूसरी तरफ सामान ले जाना है. उन्हें ज्यादा भाड़ा देकर ओवरब्रिज से सामान बुलवाना पढ़ता था. इसी अंडर ब्रिज के ऊपर से मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा फ्लाईओवर बनाया जा रहा है, लेकिन इस बनने में अभी 3 साल लगेंगे, इसलिए लोगों को 3 साल तक इसी अंडर ब्रिज के सहारे रेलवे को क्रॉस करना होगा.
स्थानीय लोगों का कहना है कि भले ही कुछ दिनों के लिए और अंडर ब्रिज को बंद कर लिया जाता लेकिन इसके अंदर नाली के गंदे पानी को रोकने की व्यवस्था और करनी चाहिए थी ताकि इसमें बिल्कुल गंदगी नहीं होती.