जबलपुर। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले दो डॉक्टर को जबलपुर एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. जबलपुर एसटीएफ ने इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले दो डॉक्टरों को हिरासत में लिया है. साथ ही तीन दलालों को भी पकड़ा गया हैं. कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन जीवन रक्षक दवा है. इसी वजह से बाजार में इसे मुंह मांगे दामों में बेचा जा रहा है. इसलिए आपदा के इस दौर में भी कुछ लोगों को मुनाफाखोरी और कालाबाजारी नजर आ रही है.
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और भी हुई हैं कार्रवाई
जबलपुर के गंगा नगर के रहने वाले राहुल विश्वकर्मा और सुधीर सोनी के पास चार इंजेक्शन थे, जिने यह किसी ग्राहक को बेचने की तैयारी में थे. इस बात की जानकारी स्पेशल टास्क फोर्स को मिली. जब इन दोनों को गिरफ्तार किया गया तो इन लोगों ने बताया कि इन्हें यह इंजेक्शन एक अस्पताल के डॉक्टर नीरज साहू और लाइफ मेडिसिटी अस्पताल के डॉ. जितेंद्र सिंह ठाकुर ने दिए हैं. इसके अलावा संस्कारधानी अस्पताल के राकेश मालवीय भी इंजेक्शन की कालाबाजारी में लिप्त होने की सूचना एसटीएफ को मिली. इन पांचों लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और इनके खिलाफ महामारी अधिनियम के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है.
अस्पताल से चुराकर बेचे इंजेक्शन
जबलपुर में इंजेक्शन केवल मरीजों के लिए सीधे अस्पताल तक पहुंचाया जा रहे हैं. इसमें प्रशासन की मॉनिटरिंग है लेकिन डॉक्टर मरीज को इंजेक्शन लगाने की बजाय इन्हें 'ब्लैक' में बेच रहे हैं जबकि इन इंजेक्शन को मरीजों तक पहुंचाने के लिए सरकार हवाई सेवा तक उपलब्ध करा रही है. जबकि इसी मामले में मनीष मेडिकल पर पहले ही हो कार्रवाई हो चुकी है. जबलपुर के एक मेडिकल स्टोर पर भी इसी तरीके से इंजेक्शन की कालाबाजारी हो रही थी. इस पर जिला प्रशासन की टीम ने कार्रवाई की है और यहां से भी दो लोगों को हिरासत में लिया गया था. अब डॉक्टरों के इंजेक्शन की काला बाजारी में सामने आने के बाद मामला और गंभीर हो गया है. वहीं पुलिस भी ऐस संदिग्ध लोगों पर नजर बनाएं हुए है.