जबलपुर। अभी तक आपने सिर्फ हवाई जहाज में ही 'ब्लैक बॉक्स' डिवाइस की बात सुनी होगी या उसे देखा होगा. जिससे कि विमान हादसों के वक्त पूरी जानकारी मिल जाए. लेकिन अब ट्रेनों में भी 'ब्लैक बॉक्स' की तरह नई डिवाइस लगाने का काम शुरू कर दिया गया है. पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर डिवीजन ने इस नए प्रोजेक्ट पर काम शुरू करते हुए 10 से ज्यादा लोको पायलट में कैमरे लगाए हैं.
लोको पायलट की हर गतिविधि पर होगी नजर
जबलपुर रेल मंडल ने अपने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कटनी रूट के 10 ट्रेन के लोको पायलट के केबिन में हाई डेफिनेशन कैमरे वाली डिवाइस को लगाया है. इंजन में ड्राइवर केबिन में लगाए गए कैमरे लोको पायलट और असिस्टेंट पायलट की हर गतिविधि को रिकॉर्ड करेंगे. यानी सफर के दौरान ड्राइवर या असिस्टेंट ड्राइवर ने कुछ गलती तो नहीं की, वह सफर में सो तो नहीं रहे हैं, उन्होंने सिग्नल की तरफ देखा है या नहीं?
उनकी पूरी एक्टिविटी सफर के दौरान कैसी रही यह सभी गतिविधियों केबिन में लगे कैमरे में रिकॉर्ड होंगी. साथ ही साथ केबिन के अगले भाग में लगे कैमरे की स्थिति और रेल ट्रैक्शन भी रिकॉर्ड करेंगे और इन तमाम रिकॉर्डिंग को डाउनलोड करके कभी भी देखा जा सकेगा.
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रेल मंत्रालय से बजट मिलते ही लागू होगा प्रोजेक्ट
जबलपुर रेल मंडल के डीआरएम संजय विश्वास के मुताबिक इस नई कवायद को एरोप्लेन की तरह ट्रेनों का ब्लैक बॉक्स माना जा सकता है. जिससे ट्रेन के संचालन के पूरे हालात रिकॉर्ड में रहेंगे. डीआरएम ने बताया कि इसका मकसद ट्रेनों की लेटलतीफी या ट्रेन हादसों की सच्चाई जानने के अलावा उनके संचालन में ड्राइवर और असिस्टेंट ड्राइवर की लापरवाही भी रोकना है
फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 10 लोको को इस नई तकनीक से लैस किया गया है. जिसके अच्छे नतीजे सामने आए हैं और जैसे ही रेल मंत्रालय से इस प्रोजेक्ट पर बजट मिलेगा वैसे ही यह योजना सभी ट्रेनों में लागू कर दी जाएगी.