जबलपुर। हिंदुस्तान में घूमने के लिए गोवा, कश्मीर, कुल्लू मनाली, राजस्थान जयपुर, मुंबई जैसी अनेको जगह मौजूद हैं. जहां नए साल को सेलिब्रेट करने के लिए पूरी दुनिया पहुंचती है. लेकिन अगर ऐसे में अगर आप भी नए साल को एक अलग अंदाज में सेलिब्रेट करना चाहते हैं तो फिर आपको मध्य प्रदेश की संस्कारधानी कहे जाने वाले जबलपुर घूमने के लिए ज़रूर पहुंचना चाहिए. जबलपुर जिले में भेड़ाघाट धुआंधार, 64 योगनी मंदिर, माता त्रिपुर सुंदरी मंदिर, बंदर कूदनी, न्यू भेड़ाघाट, तिलवारा घाट, ग्वारीघाट जैसे अनेक टूरिस्ट स्पॉट हैं. जहां आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ नया साल मना सकते हैं.
नर्मदा के तट पर प्रकृति से साक्षात्कार : नर्मदा की गोद में बसे इस शहर को जाबालि ऋषि के नाम से भी जाना जाता है. निराली प्रकृति सुंदरी के मनोभावों की ऐसी मनोहारी देन ‘भेड़ाघाट’ का दर्शन एवं धुआंधार फॉल का अनुभव अविस्मरणीय है. नर्मदा की तरंगों के संगीत में अपने आप को आत्मसात करता हुआ जगह-जगह पक्षियों द्वारा करलव करते हुए प्रदेश युगों से अपने सौंदर्य की कहानी कह रहा है. मन करता है संगमरमर की इस खान को निरंतर निहारते रहें तथा नर्मदा के किनारे बैठकर निरंतर लहरों का मादक संगीत सुनते रहें.
कैसे पहुंचें जबलपुर : जबलपुर शहर सभी प्रमुख स्थानों से रेल, बस एवं हवाई सेवा से जुड़ा है. यहां पहुंच कर कार टैक्सी बस अथवा अन्य साधनों से भेड़ाघाट एवं धुआंधार फॉल की यात्रा की जा सकती है. रेलवे स्टेशन से भेड़ाघाट के लिए मेट्रो बस सबसे अच्छा साधन है. साथ ही परिवार के साथ रुकने के लिए भेड़ाघाट में होटल की भी विशेष सुविधा है. जहां आप परिवार के साथ रुककर नए वर्ष की खुशियां मना सकते हैं. मध्यांचल एवं सतपुड़ा के बीच ‘अमरकंटक’ नामक ऊंचे पर्वत हैं. यहीं सोहागपुर जिले के अमरकंटक नामक गांव के कुंड के एक गोमुख से जलधारा प्रकट होती है. इस कुंड को कोटिकुंड तथा जलधारा को नर्मदा कहते हैं. यह नर्मदा अमरकंटक से निकलने के 332 किलोमीटर पश्चात मंडला से गुजरती है. मंडला से आगे नर्मदा का प्रवाह मंद हो जाता है तथा इसके आगे मध्य प्रदेश के जबलपुर में नर्मदा नदी की गोद में बसा है ‘भेड़ाघाट’ नामक सुंदर पहाड़ी स्थान है. जहां से नर्मदा कल कल करती हुई बह रही है.
संगमरमर की वादियों के बीच फिल्मों की शूटिंग : भेड़ाघाट धुंआधार जलप्रपात से करीब दो किलोमीटर की दूरी तक नर्मदा का पानी संगरमरमर के पर्वतों के बीच से होकर बहता है, जिन्हें ‘मार्बल रॉक्स’ के नाम से जाना जाता है. इसी मार्ग में आगे ‘बंदरकूदनी’ नामक स्थान आता है, यहां दो पर्वत इतने नजदीक है कि ‘बंदर’ कूद कर इसे पार कर सकते हैं. इस स्थान पर साठ के दशक से लेकर आज तक कई फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है जहां हाल में ही शाहरुख खान की दो फिल्मों की शूटिंग चल रही है.
नाव पर यात्रा कमेंट्री : अगर आप भेड़ाघाट की सैर पर निकले हैं तो नाव की यात्रा किए बिना इसका आनंद अधूरा है. नाविक की लयबद्ध लच्छेदार कमेंट्री बहुत ही अच्छे अंदाज में नाव पर सवारी के साथ आने वाले स्थलों की कहानी बता देती है. इसमें ऐतिहासिक तथ्यों, मजेदार बातों के साथ यहां हुई फिल्मों की शूटिंग का भी वर्णन समेटे होती है. धुआंधार फॉल्स के ऊपर से अब तक केवल रोपवे द्वारा यात्रा भी की जा सकती है परंतु उसके लिए समय सीमा का ध्यान रखना जरूरी है. वैसे यहां पर पर्यटकों हेतु स्थल है जहां से इस प्राकृतिक स्थल का आनंद लिया जा सकता है.