जबलपुर। मध्यप्रदेश में लगातार शौचालय घोटाले के मामले सामने आ रहा हैं. इसी कड़ी में जबलपुर में पब्लिक टॉयलेट के नाम सिंहस्थ मेले में उपयोग किए गए टॉयलेट को नगम के अधिकारियों द्वारा दोगुने दामों में खरीदकर लगाने का मामला सामने आया है. जिसका खुलासा कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना के विधानसभा सत्र में लगाए गए प्रश्नों से हुआ है. नगरीय प्रशासन मंत्री ने विधायक विनय सक्सेना के सवाल पर जवाब देते हुए स्वीकार किया है कि जबलपुर नगर निगम में शौचालय घोटाला हुआ है. जिसकी जांच करवाई जा रही है.
कुछ इस तरह से हुआ शौचालय घोटाला
कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना के प्रश्नों पर जब हकीकत सामने आई तो पता चला कि जबलपुर नगर निगम सीमा क्षेत्र में 70 हजार गरीब-शहरी आवासों में 41 हजार सिंगल टॉयलेट, 204 सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालय, 10 बायो टॉयलेट्स, 51 प्रीकॉस्ट टॉयलेट, 10 मॉड्यूलर टॉयलेट और 969 यूरिनल लगाए गए. नगर निगम जबलपुर ने प्रीकॉस्ट बायो टॉयलेट प्रति नग एक लाख चार हजार रुपए, प्रिपेल बायोडाटा 2 लाख 98 हजार, प्रीकैप टॉयलेट क्लीनर 2 लाख 85 हजार रुपए के हिसाब से खरीदा है.
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बड़ा शौचालय घोटाला
कांग्रेस विधायक के शौचालय घोटाले से जुड़े प्रश्न के बाद नगरीय प्रशासन मंत्री ने कीमतों की जांच कर सदन में यह स्पष्ट रूप से बोला कि जिन टॉयलेट खरीदने को लेकर जबलपुर नगर निगम ने लाखों रुपए दिए हैं, उसकी कीमत 10 से 20 हजार रुपए तक है. इतना ही नहीं जबलपुर नगर निगम ने जितने भी तो टॉयलेट लगाए हैं वह टॉयलेट सिंहस्थ मेले में उपयोग किए जा चुके हैं. बहरहाल कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना के सदन उठाए गए प्रश्न के बाद एक बड़ा शौचालय घोटाला उजागर हुआ है.