जबलपुर। सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग में करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद भी, स्वास्थ्य सेवाओं की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है. हाल ही में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 1 दिसंबर से 31 दिसंबर 2019 के बीच स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU) में 74 नवजात की मौत हुई है.
जबलपुर में सरकारी स्तर पर मेडिकल और एल्गिन अस्पताल में ही SNCU की सुविधा है. वहीं नवजात बच्चों की मौत को लेकर अस्पताल प्रबंधन इसकी अलग-अलग वजह बता रहा है. अस्पताल प्रबंधन की मानें तो गंभीर हालत में जो बच्चे रहते हैं, उन्हें मेडिकल या एल्गिन अस्पताल में रेफर किया जाता है. जानकारी के मुताबिक अस्पताल में 30- 40% केस गंभीर हालत में दूसरी जगह से रेफर होकर आते हैं, वहीं मेडिकल अस्पताल में भी गंभीर हालत पहुंचने वाली नवजात बच्चों की संख्या करीब 50 फ़ीसदी होती है.
उचित देखभाल और इलाज नहीं मिलने से गंभीर हालत में आने वाले नवजात बच्चों की मौत हो रही है. आमतौर पर नवजात बच्चों की जो डिलीवरी होनी चाहिए, वो 9 माह की होनी चाहिए पर प्रीमेच्योर डिलीवरी नवजात बच्चों की मौत की एक सबसे बड़ी वजह सामने आई है. नवजात बच्चों की स्थिति को लेकर बात करें तो 3 किलोग्राम तक नवजात का वजन होना चाहिए, लेकिन हाल के दिनों में 800- 900 ग्राम तक के बच्चे जन्म ले रहे हैं. जन्म के समय इन बच्चों का लंग्स, किडनी, हृदय अविकसित रहता है, जिसके चलते इनकी मौत हो जाती है.