जबलपुर। 10 अप्रेल से प्रदेश के साथ ही पूरे शहर में लॉकडाउन की शुरूआत हुई. शहर में पूरे दिन मरघट सी शांति रही. लेकिन मरघट में जमकर हल चल थी. जबलपुर के चौहानी मुक्तिधाम जिसे कोरोना वायरस की वजह से मरने वालों के अंतिम संस्कार के लिए आरक्षित किया गया है. वहां शनिवार के दिन 17 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया.
- मरघट में अंतिम संस्कार की जगह नहीं
इस श्मशान घाट में एक साथ 8 लोगों का अंतिम संस्कार किया जा सकता है, लेकिन लगातार कोरोना वायरस की वजह से मरने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है. शुक्रवार को भी यहां पर 12 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया. शनिवार को फिर 17 लोगों का अंतिम संस्कार श्मशान घाट में किया गया. इसलिए शेड में जगह नहीं बची और बरामदे में चिता जलाकर अंतिम संस्कार किया जा रहा है.
लाश पर लाश: गिनती खत्म नहीं होती, अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं
- मोक्ष संस्था और नगर निगम की टीम
कोरोना महामारी की वजह से तीन जगहों पर ज्यादा मौतें होने के कारण नगर निगम की एक टीम और सामाजिक संस्था मोक्ष के कार्यकर्ता अंतिम संस्कार कर रहे हैं. शनिवार को मोक्ष संस्था ने 5 लोगों का और नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के अमले ने 12 लोगों का अंतिम संस्कार किया. संकट की इस घड़ी में मोक्ष संस्था के कार्यकर्ता सेवाभाव से काम कर रहे हैं. वहीं नगर निगम के स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी पुरानी तनख्वाह पर ही इस जोखिम भरे काम को करने के लिए मजबूर हैं.
- दो हजार से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित
जबलपुर में परिस्थिति बहुत विकट है. अभी भी दो हजार से ज्यादा लोग अलग-अलग अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं. इसलिए आने वाले कुछ दिनों तक इस श्मशान घाट की स्थिति कुछ ऐसी ही बनी रहेगी. शहर में लॉकडाउन रहेगा, लेकिन मरघट में हलचल रहेगी. यह परिस्थिति बहुत खराब है.