जबलपुर। शहर की LPR रेंज में धनुष और सारंग तोपों का सफल परीक्षण किया गया. पहले इन तोपों को जबलपुर में बनाया जाता था और इसके बाद इन्हें टेस्टिंग के लिए इटारसी या फिर बालासुर भेजा जाता था. इस पूरे काम में लगभग 100 करोड़ रूपए का खर्च आता था, लेकिन जबलपुर में टेस्टिंग होने से सरकार का 100 करोड़ से ज्यादा रुपए बचने लगेगा
धनुष तोप बोफोर्स तोप की अपग्रेडेड गन है. जबलपुर तोप निर्माणी में ये गन बनाई जा रही है. इसकी मारक क्षमता लगभग 27 किलोमीटर है. इसके लिए काफी लंबी एलपीआर रेंज की जरूरत पड़ती थी. एलपीआर रेंज को इस तोप के हिसाब से विकसित किया है. भारतीय सेना को बड़ी तादाद में धनुष गन सप्लाई की जानी है. इसलिए अब इनका परीक्षण और निर्माण जबलपुर में किया जाएगा. इस पूरे काम की वजह से सेना को भी ये हथियार कम समय में सप्लाई किया जा सकेगा.
देश की दूसरी बड़ी तोप सारंग का परीक्षण
जबलपुर की LPR रेंज में तोप सारंग का भी परीक्षण किया गया है. सारंग को रशियन गन को अपग्रेड कर बनाया गया है. इसकी मारक क्षमता भी बढ़ाई गई है. पहले ये 14 किलोमीटर तक गोले को फेंक पाती थी, लेकिन अब ये तोप 30 किलोमीटर तक गोला फेंक पाएगी. इन दोनों ही तोपों का इस्तेमाल जमीन से जमीन पर और जमीन से आसमान में गोले दागने के लिए किया जाता है और कारगिल युद्ध के दौरान भारत की जीत में इसी तरह की तोपों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.