जबलपुर। प्रदेश सरकार के मुखिया दावा करते हैं कि राज्य की प्रशासनकि नौकरियों में अब सिर्फ प्रदेश के लोगों को ही मौका दिया जाएगा. लेकिन अब एक विज्ञापन देखिए जिसमें प्रदेश को तो छोड़िए, देश के अलावा नेपाल से भी आवेदन मांगे गए हैं. मामला जुड़ा है कृषि विभाग से. एग्रीकल्चर स्ट्रीम के स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया है कि उनके साथ छलावा किया जा रहा है. पहले तो नौकरियां नहीं निकाली गईं और अब जब निकाली गई हैं तो विदेश से भी आवेदन मांगे गए हैं. आरोप ये भी हैं कि ज्यादा पद होने के बावजूद कम पदों पर भर्ती की जा रही है.
विज्ञापन में नेपाल के छात्रों का जिक्र
मध्य प्रदेश सरकार के किसान कल्याण विभाग ने ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के 791 और वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी के 72 पदों पर भर्ती का विज्ञापन निकाला है. यह विज्ञापन व्यापमं के जरिए निकाला गया है. इस विज्ञापन में किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से कृषि या उद्यानिकी विभाग में स्नातक छात्रों को परीक्षा में बैठने की पात्रता दी गई है. इसी विज्ञापन के 1.4 नियम में नागरिकता और स्थाई निवासी संबंध में जानकारी दी गई है. इसमें यह कहा गया है कि जो परीक्षा में बैठ रहा है, वह भारत या फिर नेपाल का नागरिक हो सकता है.
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मध्यप्रदेश में 12 हजार कृषि स्नातक बेरोजगार
मध्य प्रदेश एग्रीकल्चर कॉलेजों की स्टूडेंट यूनियन के सदस्य गोपी अंजना ने बताया कि मध्य प्रदेश में अब तक की स्थिति में 12 हजार बीएससी और एमएससी एग्रीकल्चर के छात्र बेरोजगार हैं. इन्हें नौकरियां नहीं मिल रही हैं. नौकरियों के लिए वे लिए वे लगातार आंदोलन भी करते आ रहे हैं. लंबे समय बाद जब राज्य सरकार ने विज्ञापन निकाला है, तो इसमें मध्य प्रदेश की बजाय पूरे देश से छात्रों को मौका दिया जा रहा है. छात्रों का गुस्सा इसलिए और बढ़ गया जब देश के अलावा विदेशों से भी इन नौकरियों में बैठने की पात्रता दे दी गई. एग्रीकल्चर के छात्र लंबे समय से खाली पदों को भरने की मांग कर रहे थे, लेकिन इनकी मांग है कि मध्य प्रदेश के बाहर के छात्रों को परीक्षा न बैठने दिया जाए और नेपाल वाली शर्त तो तुरंत अलग किया जाए.
कृषि विस्तार अधिकारी एक महत्वपूर्ण पद
कृषि क्षेत्र में होने वाला अनुसंधान किसानों तक पहुंचाने के लिए तीन स्तरीय व्यवस्था है. इसमें ICMR खेती में नई रिसर्च को अनुमति देती है. एग्रीकल्चर कॉलेज और यूनिवर्सिटी यहां और शोध संस्थान इस पर रिसर्च करते हैं. राज्य सरकार का एग्रीकल्चरल विंग इसको किसानों तक पहुंचाता है. कृषि विस्तार अधिकारी विज्ञान और किसान के बीच में सेतु(पुल) का काम करते हैं. लेकिन इनके पदों के लंबे समय से खाली होने की वजह से कृषि क्षेत्र में होने वाला शोध कार्य किसानों तक नहीं पहुंच पा रहा है.
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मध्यप्रदेश में लंबे समय से खाली पड़े हुए कृषि विस्तार अधिकारी के पद की वजह से मध्य प्रदेश के किसानों को भी बहुत नुकसान हो रहा है. भर्ती भी जब शुरू की जाती है तो उसमें कुछ न कुछ ऐसी गड़बड़ी कर दी जाती है, जिससे भर्ती प्रक्रिया अटक जाए और युवाओं का और किसानों का नुकसान होता रहे.