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हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, फर्जी डॉक्टर्स के केस में निचली अदालत से नहीं मिलेगी जमानत

जनहित याचिका पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस गंभीर नजर आए, उन्होंने निचली अदालतों में फर्जी डाक्टर्स की जमानत से जुड़े तमाम मामलों को हाईकोर्ट में बुलाने का आदेश दिया है. चीफ जस्टिस के इस आदेश के बाद से किसी भी फर्जी डॉक्टर को निचली अदालत में जमानत नहीं मिल सकेगी.

Jabalpur High Court
जबलपुर हाईकोर्ट
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Published : Jul 7, 2020, 12:44 AM IST

जबलपुर। फर्जी डॉक्टर्स के खिलाफ मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में चल रही जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया. चीफ जस्टिस के आदेश के बाद अब फर्जी डाक्टर्स से जुड़े सभी मामलों की जमानत हाईकोर्ट से दी जाएगी. निचली अदालत से फर्जी डॉक्टरों का जमानत नहीं मिल सकेगी.

फर्जी डॉक्टर्स केस में सख्त हाईकोर्ट

जनहित याचिका में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और अल्टरनेटिव मेडिसिन प्रैक्टिशनर एसोसिएशन ने भी इंटरवेंशन किया है. मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया का कहना है कि वह इस मामले में याचिकाकर्ता बनना चाहते हैं और उन डाक्टर्स के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं. जो पढ़ाई तो दूसरी पैथी की करते हैं लेकिन इलाज एलोपैथिक तरीके से करते हैं.

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पिछली सुनवाई में इस बात की जानकारी चाहिए थी कि अब तक कितने फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ या गलत पैथी में इलाज करने वाले डॉक्टर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इस पर राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश किया गया है. जिसमें सरकार ने बताया है कि अब तक 15 डॉक्टर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. अगली सुनवाई में इस मामले से जुड़े तमाम निचली अदालतों में चलने वाले केस हाईकोर्ट में आ जाएंगे. अगली सुनवाई 13 जुलाई को की जाएगी.

जबलपुर। फर्जी डॉक्टर्स के खिलाफ मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में चल रही जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया. चीफ जस्टिस के आदेश के बाद अब फर्जी डाक्टर्स से जुड़े सभी मामलों की जमानत हाईकोर्ट से दी जाएगी. निचली अदालत से फर्जी डॉक्टरों का जमानत नहीं मिल सकेगी.

फर्जी डॉक्टर्स केस में सख्त हाईकोर्ट

जनहित याचिका में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और अल्टरनेटिव मेडिसिन प्रैक्टिशनर एसोसिएशन ने भी इंटरवेंशन किया है. मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया का कहना है कि वह इस मामले में याचिकाकर्ता बनना चाहते हैं और उन डाक्टर्स के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं. जो पढ़ाई तो दूसरी पैथी की करते हैं लेकिन इलाज एलोपैथिक तरीके से करते हैं.

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पिछली सुनवाई में इस बात की जानकारी चाहिए थी कि अब तक कितने फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ या गलत पैथी में इलाज करने वाले डॉक्टर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इस पर राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश किया गया है. जिसमें सरकार ने बताया है कि अब तक 15 डॉक्टर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. अगली सुनवाई में इस मामले से जुड़े तमाम निचली अदालतों में चलने वाले केस हाईकोर्ट में आ जाएंगे. अगली सुनवाई 13 जुलाई को की जाएगी.

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