जबलपुर। बुजुर्ग पिता को बेटे-बहू से शिकायत है कि वो मेरा सम्मान नहीं करते. जिंदगी की सारी कमाई बच्चों पर लगा दी, अब बुढ़ापे में वो देखभाल नहीं करते. बेटे-बहू मेरी जमीन जायदाद हड़पना चाहते हैं. मुझे बचाओ. ऐसी शिकायतें एसडीएम कोर्ट में आती रहती हैं. सिहोरा अनुभाग में भी ऐसी ही शिकायतें आईं. एसडीएम आशीष पांडे ने बड़ी सूझबूझ के साथ केस सुलझाए. एक केस में तो बेटे-बहू ने पिता के पैर तक धोए.
मंझौली के रहने वाले 76 साल के भूरेलाल चौहान को अपने बेटे-बहू से शिकायत है. भूरेलाल का आरोप है कि बेटा-बहू उसकी जमीन हड़पकर उसे घर से बेदखल करना चाहते हैं. भूरेलाल ने बताया कि मैंने अपनी जीवन भर की पूंजी बेटों की परवरिश और पढ़ाई लिखाई में लगा दी. फिर बेटों के बच्चों की शादियां भी मैंने ही करवाई. सबकुछ अपने बच्चों पर लुटा दिया. जब मेरे पास देने को कुछ नहीं बचा, तो बेटे-बहू का व्यवहार बदल गया. रोज रोज ताने देने लगे. वो मुझे घर से निकालना चाहते हैं, मकान पर भी कब्जा करना चाहते हैं. मुझे बचा लो.
'बुजुर्ग पिता भूल जाते हैं मर्यादा'
इधर बेटे-बहू का कहना था कि पिता जी गाली गलौच करते हैं. उल्टा सीधा बोलते हैं. हम पूरे मन से उनकी सेवा करते हैं, फिर भी वो हमें गाली देते हैं. समझ नहीं आता इन्हें कैसे खुश रखें. हो सकता है उम्र का असर हो.
पश्चाताप के आंसुओं में धुल गई शिकायतें
मामला जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पहुंचा. एसडीएम ने दोनों की बात सुनीं. फिर दोनों में सुलह करवाई. बेटे-बहू ने बुजुर्ग पिता के पैर धोकर अपनी गलतियों की माफी मांगी. तो बूढ़े पिता ने भी दिल से उन्हें माफ कर दिया. शिकायतों का सिलसिला खत्म हुआ. बेटे-बहू ने वायदा किया कि अपने पिता की दिल से सेवा करेंगे. बुजुर्ग पिता ने भी कहा कि कोशिश करूंगा कि मेरे व्यवहार से बेटे-बहू को कोई परेशानी नहीं हो.
जब बेटे बहू ने पिता के पैर धोकर माफी मांगी तो मौजूद लोगों का दिल भर गया. एसडीएम ने भी कहा कि बाबा अब बस करो. बच्चों से जो गलतियां हुई माफ करो. आप भी अपना नेचर बदलो. बेटे बहू ने जो कुछ कहा उसे भूल जाओ.
बेटे ने छीन ली थी बूढ़ी मां की जमीन
आशीष पांडे ने सिहोरा अनुभाग में महज 15 दिन पहले ही पदभार संभाला है. उन्होंने बुजुर्गों के लिए खास काम किया है. सिहोरा निवासी 82 साल की वृद्ध महिला ठीक ढंग से चल भी नहीं पाती थी. बेटा होना के बावजदू वो भीख मांगने को मजबूर है. वृद्ध महिला ने अपने बेटे की शिकायत एसडीएम आशीष पांडे के न्यायालय में की . महिला ने एसडीएम कोर्ट को बताया कि उसके बेटे ने उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया है. अब वह आस-पास भीख मांगकर अपना गुजर बसर कर रही है. एसडीएम ने माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007 के तहत 3 दिन में फैसला सुना दिया. 82 साल की वृद्धा को उसके पुत्र काशीराम द्वारा कब्जा की गई जमीन को वापस मिल गई .