जबलपुर। जिले के बहुत सारे उद्योगों में उत्तर प्रदेश के मजदूर काम करते हैं. लॉकडाउन की वजह से उद्योग धंधे पूरी तरह बंद हो गए हैं. मजदूरों को उम्मीद थी कि लॉकडाउन खत्म होगा और व्यापार शुरू होगा, इसलिए उन्होंने उत्तर प्रदेश ना लौटकर यहीं रुकने का फैसला किया. लेकिन लॉकडाउन बढ़ जाने के कारण जिसके चलते गरीबों का राशन खत्म हो गया हैं. जिसको देखते हुए उन्होंने पैदल ही अपने घर जाने का फैसला किया.
जिसकी जानकारी जब शहर के समाजसेवी संस्थान को लगी तो उन्होंने इन मजदूरों के लिए एक बस उपलब्ध करवाई और बस के जरिए इन्हें उत्तर प्रदेश के लिए रवाना किया गया. वहीं सरकार की ओर से इन लोगों को सिर्फ इतनी सहायता मिली की बस का पास बना दिया गया ना तो सरकार ने इनका किराया दिया और ना ही दूसरी कोई सुविधा मुहैया करवाई.
यह वही समाज सेवी संस्था 'मोक्ष' है, जो लावारिस लाशों का दाह संस्कार करती है और अभी कोरोना वायरस से मरने वालों का दाह संस्कार भी यही लोग कर रहे हैं. संकट की इस घड़ी में प्रदेश में फंसे मजदूरों की मदद भी.
बता दें कि जबलपुर में उत्तर प्रदेश के लिए कोई ट्रेन शुरू नहीं हुई है. ना ही कोई श्रमिक स्पेशल यहां से उत्तर प्रदेश के लिए गई.