जबलपुर। जिस तरह से पेड़ों की कटाई हो रही है यह आने वाले वातावरण के लिए नुकसानदायक साबित होगा. जिस तेजी से वृक्षों को काटा जा रहा है, उसी तेजी से अगर वृक्षारोपण पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो उससे आने वाले समय में सबको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. वायुमंडल में ऑक्सीजन की कमी का भी एक बड़ा कारण है पेड़ पौधे को काटना. इसी सोच के साथ आज जबलपुर में समाजसेवियों ने की वृक्षारोपण शुरुआत की.
सरकार और जिला प्रशासन भले ही पौधों को लगाने में पहल ना करें, लेकिन शहर के बहुत से समाजसेवी ऐसे हैं जो कि अपने दम पर पर्यावरण को संतुलित करने का प्रयास कर रहे हैं. इन्हीं में से एक समाजसेवी हैं, सोनू दुबे जो कि अपने खर्च से शहर में खाली पड़ी जमीनों पर वृक्षारोपण कर रहे हैं. सोनू दुबे ने शुरुआत में सड़कों के बीच बने डिवाइडर में पौधरोपण का काम शुरू किया है. सोनू दुबे ने अभी तक करीब डेढ़ सौ पौधों को डिवाइडर के बीच लगाया हैं.
पौधों को बचाए और रखने का जिम्मा भी स्वयं संभाला
जबलपुर के युवा सोनू दुबे ने रांझी से लेकर गोकलपुर के डिवाइडर के बीच करीब डेढ़ सौ पौधो लगाए हैं और इन पौधों को बचाने के लिए बकायदा ट्री गार्ड से भी कवर किया है. इससे न सिर्फ इन पौधों को जानवरों से सुरक्षित रखा जा सकता है. इसके साथ है पौधों के लिए पानी की भी व्यवस्था भी की गई है. सोनू दुबे टैंकर के माध्यम से रोजाना डिवाडर में लगे पौधों को पानी देने का काम करते हैं जिससे कि यह पौधे न सूखे.
ट्री गार्ड में लिखा बुजुर्गों का नाम
डिवाइडर में खाली पड़ी जमीन में पौधारोपण करना और फिर उन पौधों को बचाने के लिए ट्री गार्ड लगवा कर मृत बुजुर्गों के सम्मान में लगाना यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है. सोनू दुबे के इस प्रयास को बुजुर्ग भी सराह रहे हैं. जबलपुर में रहने वाले बुजुर्ग हरि सिंह का कहना है कि पर्यावरण को बचाने के लिए सोनू दुबे की यह अनूठी पहल है जिससे सबको सीख लेने की जरूरत है.