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शिक्षा विभाग के ऑनलाइन क्लास को नागरिक उपभोक्ता मंच ने हाईकोर्ट में दी चुनौती - Jabalpur News

शिक्षा विभाग के ऑनलाइन क्लास को नागरिक उपभोक्ता मंच ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. संस्था ने तर्क दिया है कि ऑनलाइन एजुकेशन बच्चों के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है. इससे बच्चों की आंखों पर बुरा असर पड़ता है.

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Published : Aug 10, 2020, 4:53 PM IST

जबलपुर। केंद्र और राज्य सरकार ने ऑनलाइन क्लास के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. इसमें प्राइमरी से लेकर 12वीं तक के बच्चों के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है. सरकार की इस गाइडलाइन को नागरिक उपभोक्ता मंच नाम की एक सामाजिक संस्था ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. संस्था ने तर्क दिया है कि ऑनलाइन एजुकेशन बच्चों के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है. इससे बच्चों की आंखों पर बुरा असर पड़ता है.

ऑनलाइन क्लास को हाईकोर्ट में चुनौती

सामाजिक संस्था की आपत्ति

संस्था ने अपनी बात को वैज्ञानिक आधार देने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की बच्चों के लिए मोबाइल इस्तेमाल करने की गाइडलाइन को अपने आवेदन के साथ प्रस्तुत किया है. संस्था ने दलील दी है कि ऐसा भी सामने आया है कि बच्चे ऑनलाइन एजुकेशन के समय पोर्न जैसे कंटेंट को एक्सेस कर रहे हैं. लिहाज बच्चों को स्वतंत्र रूप से मोबाइल देना खतरे से खाली नहीं है. संस्था ने कोर्ट से कहा कि वो सरकार के इस आदेश को रद्द करवाने के लिए आदेश करे.

Official guideline
सरकारी गाइडलाइन

शिक्षा विभाग की गाइडलाइन

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 30 जुलाई को ऑनलाइन क्लास के लिए गाइड लाइन जारी की थी. जिसे आधार बनाते हुए राज्य सरकार ने भी आदेश जारी किया है. जिसके मुताबिक प्री प्राइमरी के बच्चों के लिए हफ्ते में 3 दिन 30 मिनट के सत्र के हिसाब से क्लास लगाई जा सकती है. प्राइमरी से आठवीं तक के बच्चों के लिए हफ्ते में 5 दिन 30 मिनट से 45 मिनट तक ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा सकती है. इसमें दो पीरियड लगाए जा सकते हैं, जबकि 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए हफ्ते में 6 दिन 30 से 45 मिनट के चार सत्रों में पढ़ाई करवाई जा सकती है.

ये पढ़ाई मोबाइल, लैपटॉप या डेस्कटॉप के जरिए की जा सकती है, शिक्षा विभाग ने ये आदेश सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजा है. जो सरकारी और निजी स्कूलों पर समान रूप से लागू होगा. जबलपुर में ऑनलाइन एजुकेशन और लॉकडाउन के समय स्कूल फीस से जुड़ी जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है. ये विषय भी उसी सुनवाई में शामिल किया गया है. फीस के मामले में अभी भी सीबीएसई ने कोई जवाब नहीं दिया है. इसलिए सीबीएसई को जवाब देने के लिए अंतिम मौका दिया गया है. इस मामले की अगली सुनवाई 24 अगस्त को होगी.

जबलपुर। केंद्र और राज्य सरकार ने ऑनलाइन क्लास के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. इसमें प्राइमरी से लेकर 12वीं तक के बच्चों के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है. सरकार की इस गाइडलाइन को नागरिक उपभोक्ता मंच नाम की एक सामाजिक संस्था ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. संस्था ने तर्क दिया है कि ऑनलाइन एजुकेशन बच्चों के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है. इससे बच्चों की आंखों पर बुरा असर पड़ता है.

ऑनलाइन क्लास को हाईकोर्ट में चुनौती

सामाजिक संस्था की आपत्ति

संस्था ने अपनी बात को वैज्ञानिक आधार देने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की बच्चों के लिए मोबाइल इस्तेमाल करने की गाइडलाइन को अपने आवेदन के साथ प्रस्तुत किया है. संस्था ने दलील दी है कि ऐसा भी सामने आया है कि बच्चे ऑनलाइन एजुकेशन के समय पोर्न जैसे कंटेंट को एक्सेस कर रहे हैं. लिहाज बच्चों को स्वतंत्र रूप से मोबाइल देना खतरे से खाली नहीं है. संस्था ने कोर्ट से कहा कि वो सरकार के इस आदेश को रद्द करवाने के लिए आदेश करे.

Official guideline
सरकारी गाइडलाइन

शिक्षा विभाग की गाइडलाइन

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 30 जुलाई को ऑनलाइन क्लास के लिए गाइड लाइन जारी की थी. जिसे आधार बनाते हुए राज्य सरकार ने भी आदेश जारी किया है. जिसके मुताबिक प्री प्राइमरी के बच्चों के लिए हफ्ते में 3 दिन 30 मिनट के सत्र के हिसाब से क्लास लगाई जा सकती है. प्राइमरी से आठवीं तक के बच्चों के लिए हफ्ते में 5 दिन 30 मिनट से 45 मिनट तक ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा सकती है. इसमें दो पीरियड लगाए जा सकते हैं, जबकि 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए हफ्ते में 6 दिन 30 से 45 मिनट के चार सत्रों में पढ़ाई करवाई जा सकती है.

ये पढ़ाई मोबाइल, लैपटॉप या डेस्कटॉप के जरिए की जा सकती है, शिक्षा विभाग ने ये आदेश सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजा है. जो सरकारी और निजी स्कूलों पर समान रूप से लागू होगा. जबलपुर में ऑनलाइन एजुकेशन और लॉकडाउन के समय स्कूल फीस से जुड़ी जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है. ये विषय भी उसी सुनवाई में शामिल किया गया है. फीस के मामले में अभी भी सीबीएसई ने कोई जवाब नहीं दिया है. इसलिए सीबीएसई को जवाब देने के लिए अंतिम मौका दिया गया है. इस मामले की अगली सुनवाई 24 अगस्त को होगी.

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