जबलपुर। दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. पंजाब-हरियाणा के किसानों के पराली जलाने और दिवाली के पटाखों ने यहां के प्रदूषण के स्तर को जानलेवा स्तर तक बढ़ा दिया है. कई लोग गैस चैंबर बन चुकी दिल्ली से पलायन कर रहे हैं. वहीं प्रदूषण का असर बच्चों पर बहुत ज्यादा देखने को मिल रहा है. यही वजह है कि कई माता-पिता ने अपने बच्चों को दूसरे शहरों में रहने वाले अपने रिश्तेदारों के घर छोड़ दिया है.
दिल्ली में रहने वाले एक वकील दंपति ने भी अपने दोनों बच्चों की सेहत को देखते हुए उसे जबलपुर में रहने वाले दादा-दादी के घर छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि नौकरी के कारण वे खुद तो शहर नहीं छोड़ सकते, लेकिन बच्चों को जरूर उसके दादा-दादी के पास पहुंचा दिया है. दादा आर के चौकसे बताते हैं कि हाल ही में दिल्ली से दीपावली के त्योहार पर उनके बेटे और बहू जबलपुर आए हुए थे. दिल्ली में प्रदूषण को देखते हुए परिवार ने ये फैसला किया कि बच्चे वहीं जबलपुर में फिलहाल रहे और जब प्रदूषण की हालत ठीक हो जाए, तब माता-पिता वापस उन्हें ले जाएं.
इनमें से एक बच्चा महज ढाई साल का है. इस उम्र में बच्चे को अपने माता-पिता से जुदा होना पड़ा, इसके पीछे वजह है बढ़ता प्रदूषण. दिल्ली में रहने वाले वैभव चौकसे पेशे से वकील हैं, वह पिछले 7 सालों से दिल्ली में रह रहे हैं, लेकिन इस बार दिल्ली का प्रदूषण इस हद तक बढ़ गया कि उन्हें मजबूरन अपने दो बच्चों को जबलपुर में अपने माता-पिता के पास छोड़ना पड़ा.