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शहीद भाई की याद में छलके बहन के आंसू, जज्बातों पर काबू रख कहा- 'गर्व है मुझे'

इस साल रक्षाबंधन और राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस एक ही दिन हैं. इसे लेकर पुलवामा हमले में शहीद हुए अश्विनी काछी को उनकी बहन ने याद किया.

रक्षाबंधन पर शहीद भाई को याद करती बहन
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Published : Aug 14, 2019, 3:13 PM IST

जबलपुर। किसी कवि की ये पंक्तियां बहुत कुछ कहती हैं
''छूटी राखी बहन की, मां से हो गया दूर
वंदे मातरम् लिख गया सीमा पर सिंदूर''
'राखी' केवल कच्चे धागे को बांधने का नाम नहीं है, बल्कि वह भाई-बहन के अटूट रिश्ते और प्रेम की गाथा को बयां करता है. हर बहन को सालभर रक्षाबंधन के दिन का इंतजार रहता है. वह पीहर जाकर भाई की कलाई में राखी बांधने के सपने संजोए रखती है.

रक्षाबंधन पर शहीद भाई को याद करती बहन
जबलपुर में भी एक बहन है, जिसे पता है कि अब उसका भाई कभी नहीं आ सकेगा, लेकिन उसका चेहरा गर्व से खिल उठता है. हम बात कर रहे हैं पुलवामा हमले में शहीद हुए जिले के खुडाबल गांव के शहीद अश्विनी काछी की, जिनकी बहन पार्वती रक्षाबंधन पर पीहर पहुंची. यहां उन्होंने कहा कि भाई के जाने का दुख तो है, लेकिन हमें गर्व है कि भाई ने परिवार और देश का सम्मान बढ़ाया है. देश की रक्षा में अश्विनी ने जो किया है, अगर मौका आ जाए, तो दूसरे जवानों को भी पीछे नहीं हटना चाहिए.भाई की याद में पार्वती की आंखों में आंसू आ जाते हैं, लेकिन चेहरा गर्व से खिल उठता है कि उसके भाई ने देश की रक्षा के लिए प्राण न्योछावर कर दिए. उन्होंने कहा कि इस साल स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन एक ही दिन पड़ने से वो गौरवान्वित महसूस कर रही है.परिवार के सदस्यों ने भी एक कमरे में अश्विनी की यादों को संजोने की कोशिश की है. उन्हें मिले मेडल, ट्रॉफी, प्रशंसा पत्र एक कमरे में सजाकर रखा गया है. परिवार वालों ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सीएम कमलनाथ ने भोपाल में सम्मानित करने के लिए परिवार को आमंत्रित किया है.

जबलपुर। किसी कवि की ये पंक्तियां बहुत कुछ कहती हैं
''छूटी राखी बहन की, मां से हो गया दूर
वंदे मातरम् लिख गया सीमा पर सिंदूर''
'राखी' केवल कच्चे धागे को बांधने का नाम नहीं है, बल्कि वह भाई-बहन के अटूट रिश्ते और प्रेम की गाथा को बयां करता है. हर बहन को सालभर रक्षाबंधन के दिन का इंतजार रहता है. वह पीहर जाकर भाई की कलाई में राखी बांधने के सपने संजोए रखती है.

रक्षाबंधन पर शहीद भाई को याद करती बहन
जबलपुर में भी एक बहन है, जिसे पता है कि अब उसका भाई कभी नहीं आ सकेगा, लेकिन उसका चेहरा गर्व से खिल उठता है. हम बात कर रहे हैं पुलवामा हमले में शहीद हुए जिले के खुडाबल गांव के शहीद अश्विनी काछी की, जिनकी बहन पार्वती रक्षाबंधन पर पीहर पहुंची. यहां उन्होंने कहा कि भाई के जाने का दुख तो है, लेकिन हमें गर्व है कि भाई ने परिवार और देश का सम्मान बढ़ाया है. देश की रक्षा में अश्विनी ने जो किया है, अगर मौका आ जाए, तो दूसरे जवानों को भी पीछे नहीं हटना चाहिए.भाई की याद में पार्वती की आंखों में आंसू आ जाते हैं, लेकिन चेहरा गर्व से खिल उठता है कि उसके भाई ने देश की रक्षा के लिए प्राण न्योछावर कर दिए. उन्होंने कहा कि इस साल स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन एक ही दिन पड़ने से वो गौरवान्वित महसूस कर रही है.परिवार के सदस्यों ने भी एक कमरे में अश्विनी की यादों को संजोने की कोशिश की है. उन्हें मिले मेडल, ट्रॉफी, प्रशंसा पत्र एक कमरे में सजाकर रखा गया है. परिवार वालों ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सीएम कमलनाथ ने भोपाल में सम्मानित करने के लिए परिवार को आमंत्रित किया है.
Intro:शहीद अश्विनी काछी की बहन पार्वती का कहना कि भाई के जाने का दुख जरूर है लेकिन हमें गर्व है कि उसने हमारा और देश का सम्मान बढ़ाया हैBody:जबलपुर रक्षाबंधन और स्वतंत्रता दिवस इस साल एक ही दिन ऐसा संयोग कई सालों में पहली बार देखने को मिला है सामान्य लोगों के लिए यह दिन हर्ष और उल्लास के साथ साथ थोड़ा ज्यादा व्यस्त रहेगा और लोग दोनों जगह खुशियां मनाएंगे लेकिन जबलपुर के पास खुडाबल गांव के अश्विनी काछी के घर दोनों ही त्यौहार दुख के साथ गर्व के होंगे बीते दिनों पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले में इसी गांव के सीआरपीएफ के जवान अश्विनी काछी शहीद हो गए थे पहला रक्षा बंधन है बहन पार्वती हर साल की तरह इस बार भी गांव आई है लेकिन आते ही उसकी आंखें भर आई उसे उम्मीद थी कि इस बार अश्विनी छुट्टियां लेकर रक्षाबंधन पर घर जरूर आता और वह अपने छोटे भाई को राखी बांधती लेकिन जब वह घर पहुंची तो घर के एक कोने में अश्विनी की याद में परिवार को मिले मेडल ट्रॉफी प्रशंसा पत्र सजे हुए थे परिवार ने यह कमरा अश्विनी की याद में बनवाया है बहन पार्वती का कहना है कि उसके भाई ने उसका ही नहीं पूरे परिवार का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है पार्वती का साहस भी अश्विनी से कम नहीं है वह कहती है कि देश की रक्षा में अश्विनी ने जो किया है यदि मौका आ जाए तो दूसरे जवानों को भी पीछे नहीं हटना चाहिए काछी परिवार को राज्य सरकार ने सम्मानित करने के लिए भोपाल बुलाया है परिवार भोपाल के लिए रवाना हो गया है 15 अगस्त के दिन मुख्यमंत्री खुद शहीद के परिवार का सम्मान करेंगेConclusion:शहीद देश के लिए होता है देश को भी अपना फर्ज निभाना चाहिए समाज बीते कुछ दिनों तक तो इस परिवार के साथ नजर आ रहा था लेकिन अब एक खालीपन हैं और केबल परिवार के लोग ही शहीद की कमी को महसूस कर रहे हैं
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