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ये है एमपी पुलिस : अपराध किसी का, सजा किसी को, निर्दोष ने काटी 84 दिन की जेल - मध्यप्रदेश का चौंकाने वाला मामला

मध्यप्रदेश में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां कोर्ट को गुमराह करते हुए मजिस्ट्रेट के सामने मुलजिम बदल दिया गया. धोखाधड़ी के मामले में जिन लोगों को कोर्ट ने सजा सुनाई थी, उनमें से एक दोषी की जगह दूसरा व्यक्ति जेल पहुंच गया. इस व्यक्ति ने खुलासा किया है कि दोषी ने व्यक्ति के दबाव में उसने ऐसा किया, उसने मेरी बच्ची को जान से मारने की धमकी दी थी. पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है. (Shocking case in Madhya Pradesh) ( Innocent person jailed for 84 days)

Innocent person jailed for 84 days
निर्दोष ने काटी 84 दिन की जेल
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Published : Apr 14, 2022, 2:43 PM IST

जबलपुर। जेल से 84 दिन की सजा काटकर बाहर आए कोमल प्रसाद पांडे ने पुलिस के सामने एक ऐसा खुलासा किया कि सबके होश उड़ गए. कोमल प्रसाद का कहना है कि अमित खम्परिया ने उसकी बच्ची को जान से मारने की धमकी दी थी. इस वजह से उन्होंने उसके पिता की जगह खुद अपराध स्वीकार किया. यह पूरा मामला सितंबर 2011 का है, जब मंडला जिले में कान्हा किसली के करीब टोल नाके के ठेकेदार अमित खम्परिया और उनके पार्टनर का ठेका मिला था. यहां पर अमित खम्परिया द्वारा पर्यटकों से अधिक वसूली की जाती थी. अधिक शुल्क लेकर मार्कर से नाम भी मिटा दिया करते थे, जिसकी शिकायत पर तत्कालीन खटिया थाने के टीआई ने सितंबर 2011 को धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया. टीआई ने अपनी जांच में मुख्य आरोपी अमित खम्परिया सहित 10 लोगों को आरोपी बनाया. मामले में नैनपुर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और फिर सितंबर 2021 को सभी लोगों को 10 साल की सजा सुनाई. इसके अलावा नैनपुर कोर्ट ने आरोपियों पर जुर्माना भी लगाया था.

ये लोग गए जेल : फर्जीवाड़ा करने के आरोप में नैनपुर कोर्ट ने मुख्य आरोपी अमित खम्परिया, उसके पिता अनुज सिंह चतुर्वेदी, मौसा राम जी द्विवेदी और रिश्तेदार दशरथ तिवारी समेत रंजन, उमेश पांडे ,अमित पांडे श्री कांत शुक्ला, सनी ठाकुर,अजय को आरोपी बनाया. इन सभी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था. पहले तो सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया पर बाद में ये लोग ज़मानत में बाहर आ गए थे. 10 साल तक नैनपुर कोर्ट में केस चला और आखिरकार 22 सितंबर 2021 को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए सभी को 5-5 साल की सजा सुनाई.

पुलिस ने दस्तावेज और बयान क्रॉस चेक नहीं किए : नैनपुर कोर्ट की तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश ने अनिरुद्ध प्रसाद सिंह चतुर्वेदी, रामजी द्विवेदी, दशरथ तिवारी, दीपेश सहित अभियुक्तों में उमेश पांडे की मौत हो चुकी है, जबकि 6 अन्य फरार थे. तीनों ही आरोपियों को 84 दिन बाद हाई कोर्ट से जमानत मिली. पुलिस ने भी सभी के दस्तावेज और बयान को क्रॉस चेक करने की कोशिश नहीं की. इस पूरे मामले में आरोपी अमित खम्परिया ने एक खेल खेला. अपने पिता अनिरुद्ध को बचाने के लिए एक साजिश रची. अमित खम्परिया ने पिता को बचाने के लिए अपने साथी कोमल प्रसाद पांडे को नैनपुर कोर्ट में पेश कर दिया. इतना ही नहीं, इनके आधार कार्ड में भी फर्जीवाड़ा कर इनकी पहचान बदल दी. चूँकि मामला 10 साल पुराना था तो पुलिस ने भी इसमें ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई. ऐसे में आरोपी की जगह बेकसूर ने 84 दिन की सजा काटी.

इस साइको सीरियल किलर की हैवानियत सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएंगे, कई युवतियों को फंसाया प्रेमजाल में

कोमल प्रसाद पांडे जबलपुर एसपी के सामने हुए पेश : करीब 84 दिन की मंडला जेल में सजा काटने के बाद कोमल प्रसाद पांडे जिन्होंने कि अनिरुद्ध चतुर्वेदी के नाम पर कोर्ट में जाकर अपनी गवाही दी थी और कोर्ट के सामने अमित खम्परिया को अपना बेटा स्वीकार करते हुए इस मामले में अपने आप को आरोपी बताया था. वह करीब 84 दिन के बाद जेल से छूटकर आए तो उन्होंने जबलपुर एसपी के सामने आकर यह पूरा मामला खोला. उन्होंने बताया कि अमित ने उन्हें धमकी दी थी कि अगर वह उनकी मदद नहीं करेगा तो उसकी बेटी को जान से मार दिया जाएगा.

एसपी ने जांच ट्रेनी आईपीएस को सौंपी : कोमल प्रसाद पांडे की शिकायत के बाद अब जबलपुर एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने इस पूरे मामले की जांच ट्रेनी आईपीएस प्रियंका शुक्ला को सौंपी है. जबलपुर एसपी का कहना है कि प्रकरण काफी गंभीर है. किसी को धमकाकर दूसरे के स्थान पर जेल भिजवाना एक गंभीर अपराध है. लिहाजा इस पूरे मामले की जांच ट्रेनी आईपीएस को सौंपी गई है. इसके अलावा मण्डला पुलिस से जानकारी ली जा रही है. (Shocking case in Madhya Pradesh) ( Innocent person jailed for 84 days)

जबलपुर। जेल से 84 दिन की सजा काटकर बाहर आए कोमल प्रसाद पांडे ने पुलिस के सामने एक ऐसा खुलासा किया कि सबके होश उड़ गए. कोमल प्रसाद का कहना है कि अमित खम्परिया ने उसकी बच्ची को जान से मारने की धमकी दी थी. इस वजह से उन्होंने उसके पिता की जगह खुद अपराध स्वीकार किया. यह पूरा मामला सितंबर 2011 का है, जब मंडला जिले में कान्हा किसली के करीब टोल नाके के ठेकेदार अमित खम्परिया और उनके पार्टनर का ठेका मिला था. यहां पर अमित खम्परिया द्वारा पर्यटकों से अधिक वसूली की जाती थी. अधिक शुल्क लेकर मार्कर से नाम भी मिटा दिया करते थे, जिसकी शिकायत पर तत्कालीन खटिया थाने के टीआई ने सितंबर 2011 को धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया. टीआई ने अपनी जांच में मुख्य आरोपी अमित खम्परिया सहित 10 लोगों को आरोपी बनाया. मामले में नैनपुर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और फिर सितंबर 2021 को सभी लोगों को 10 साल की सजा सुनाई. इसके अलावा नैनपुर कोर्ट ने आरोपियों पर जुर्माना भी लगाया था.

ये लोग गए जेल : फर्जीवाड़ा करने के आरोप में नैनपुर कोर्ट ने मुख्य आरोपी अमित खम्परिया, उसके पिता अनुज सिंह चतुर्वेदी, मौसा राम जी द्विवेदी और रिश्तेदार दशरथ तिवारी समेत रंजन, उमेश पांडे ,अमित पांडे श्री कांत शुक्ला, सनी ठाकुर,अजय को आरोपी बनाया. इन सभी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था. पहले तो सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया पर बाद में ये लोग ज़मानत में बाहर आ गए थे. 10 साल तक नैनपुर कोर्ट में केस चला और आखिरकार 22 सितंबर 2021 को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए सभी को 5-5 साल की सजा सुनाई.

पुलिस ने दस्तावेज और बयान क्रॉस चेक नहीं किए : नैनपुर कोर्ट की तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश ने अनिरुद्ध प्रसाद सिंह चतुर्वेदी, रामजी द्विवेदी, दशरथ तिवारी, दीपेश सहित अभियुक्तों में उमेश पांडे की मौत हो चुकी है, जबकि 6 अन्य फरार थे. तीनों ही आरोपियों को 84 दिन बाद हाई कोर्ट से जमानत मिली. पुलिस ने भी सभी के दस्तावेज और बयान को क्रॉस चेक करने की कोशिश नहीं की. इस पूरे मामले में आरोपी अमित खम्परिया ने एक खेल खेला. अपने पिता अनिरुद्ध को बचाने के लिए एक साजिश रची. अमित खम्परिया ने पिता को बचाने के लिए अपने साथी कोमल प्रसाद पांडे को नैनपुर कोर्ट में पेश कर दिया. इतना ही नहीं, इनके आधार कार्ड में भी फर्जीवाड़ा कर इनकी पहचान बदल दी. चूँकि मामला 10 साल पुराना था तो पुलिस ने भी इसमें ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई. ऐसे में आरोपी की जगह बेकसूर ने 84 दिन की सजा काटी.

इस साइको सीरियल किलर की हैवानियत सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएंगे, कई युवतियों को फंसाया प्रेमजाल में

कोमल प्रसाद पांडे जबलपुर एसपी के सामने हुए पेश : करीब 84 दिन की मंडला जेल में सजा काटने के बाद कोमल प्रसाद पांडे जिन्होंने कि अनिरुद्ध चतुर्वेदी के नाम पर कोर्ट में जाकर अपनी गवाही दी थी और कोर्ट के सामने अमित खम्परिया को अपना बेटा स्वीकार करते हुए इस मामले में अपने आप को आरोपी बताया था. वह करीब 84 दिन के बाद जेल से छूटकर आए तो उन्होंने जबलपुर एसपी के सामने आकर यह पूरा मामला खोला. उन्होंने बताया कि अमित ने उन्हें धमकी दी थी कि अगर वह उनकी मदद नहीं करेगा तो उसकी बेटी को जान से मार दिया जाएगा.

एसपी ने जांच ट्रेनी आईपीएस को सौंपी : कोमल प्रसाद पांडे की शिकायत के बाद अब जबलपुर एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने इस पूरे मामले की जांच ट्रेनी आईपीएस प्रियंका शुक्ला को सौंपी है. जबलपुर एसपी का कहना है कि प्रकरण काफी गंभीर है. किसी को धमकाकर दूसरे के स्थान पर जेल भिजवाना एक गंभीर अपराध है. लिहाजा इस पूरे मामले की जांच ट्रेनी आईपीएस को सौंपी गई है. इसके अलावा मण्डला पुलिस से जानकारी ली जा रही है. (Shocking case in Madhya Pradesh) ( Innocent person jailed for 84 days)

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