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'जनता को प्रशासन और सरकार पर भरोसा नहीं..'

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Published : Mar 6, 2021, 4:52 PM IST

न्यायिक अकादमी के डायरेक्टर रिट्रीट कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आम आदमी को सरकार और प्रशासन पर भरोसा नहीं है. लोगों को बस न्यायपालिका पर भरोसा है.

Chief Minister Shivraj Singh Chauhan
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

जबलपुर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि आज भी जनता का भरोसा सरकार और प्रशासन पर नहीं है. लोगों को न्याय मिलने की उम्मीद न्याय व्यवस्था से रहती है. भारत की न्याय व्यवस्था को पूरी दुनिया में सम्मान प्राप्त है. शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम में मौजूद न्यायपालिका के लोगों से अपील की कि आम आदमी तेजी से न्याय चाहता है. क्योंकि देर से मिला हुआ न्याय आम आदमी के लिए किसी काम का नहीं होता. इसलिए हमें ऐसी व्यवस्थाएं करनी चाहिए ताकि लोगों को तेजी से न्याय मिल सके. यह बात सीएम शिवराज ने न्यायिक अकादमी के डायरेक्टर रिट्रीट कार्यक्रम में कही.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

'कोर्ट के फैसलों का स्थानीय भाषा में हो अनुवाद'

अब्दुल कलाम जज की कुर्सी पर बैठना चाहते थे- चीफ जस्टिस

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े ने कहा कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम भी न्याय व्यवस्था को लेकर कौतूहल में रहते थे. उन्होंने एक बार हैदराबाद हाई कोर्ट में तत्कालीन चीफ जस्टिस से आग्रह किया था कि, वह एक बार जज की कुर्सी पर बैठना चाहते हैं और सीजेआई से उन्होंने निवेदन किया था कि वह वकील की तरह बहस करें. हालांकि मुख्य न्यायाधीश ने वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के बारे में बताया कि वह खुद एक वकील है. इसलिए संभवत उन्हें ऐसा कौतूहल नहीं होगा. वहीं सीजेआई शरद अरविंद बोबड़े ने कहा कि कुछ राज्यों में न्यायाधीशों नियुक्ति के बाद अदालत में भेजने के पहले अकादमी में ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है. यह परंपरा अच्छी है और मैं भी इससे सहमत हूं.

जबलपुर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि आज भी जनता का भरोसा सरकार और प्रशासन पर नहीं है. लोगों को न्याय मिलने की उम्मीद न्याय व्यवस्था से रहती है. भारत की न्याय व्यवस्था को पूरी दुनिया में सम्मान प्राप्त है. शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम में मौजूद न्यायपालिका के लोगों से अपील की कि आम आदमी तेजी से न्याय चाहता है. क्योंकि देर से मिला हुआ न्याय आम आदमी के लिए किसी काम का नहीं होता. इसलिए हमें ऐसी व्यवस्थाएं करनी चाहिए ताकि लोगों को तेजी से न्याय मिल सके. यह बात सीएम शिवराज ने न्यायिक अकादमी के डायरेक्टर रिट्रीट कार्यक्रम में कही.

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अब्दुल कलाम जज की कुर्सी पर बैठना चाहते थे- चीफ जस्टिस

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े ने कहा कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम भी न्याय व्यवस्था को लेकर कौतूहल में रहते थे. उन्होंने एक बार हैदराबाद हाई कोर्ट में तत्कालीन चीफ जस्टिस से आग्रह किया था कि, वह एक बार जज की कुर्सी पर बैठना चाहते हैं और सीजेआई से उन्होंने निवेदन किया था कि वह वकील की तरह बहस करें. हालांकि मुख्य न्यायाधीश ने वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के बारे में बताया कि वह खुद एक वकील है. इसलिए संभवत उन्हें ऐसा कौतूहल नहीं होगा. वहीं सीजेआई शरद अरविंद बोबड़े ने कहा कि कुछ राज्यों में न्यायाधीशों नियुक्ति के बाद अदालत में भेजने के पहले अकादमी में ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है. यह परंपरा अच्छी है और मैं भी इससे सहमत हूं.

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