जबलपुर। मध्य प्रदेश की सत्ता का भविष्य तय करने वाले 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव की मतगणना को लेकर कांग्रेस किसी प्रकार का जोखिम नहीं उठाना चाहती है. कांग्रेस ने मतदान में अधिकारियों के पक्षपाती रवैये को लेकर मतगणना में स्पष्ट व्यवस्था बनाने की मांग चुनाव आयोग से की है. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने आयोग को दिए ज्ञापन में चुनाव अधिकारियों के मोबाइल उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही डाक मतपत्र और ईवीएम की सुरक्षा, मतगणना की लाइव रिकॉर्डिंग और परिणाम की घोषणा बड़ी स्क्रीन पर दिखाने के साथ पांच ईवीएम के मतों का मिलान वीवीपैट से करने का मुद्दा उठाया है.
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द्वारा प्रायोजित हिंसा और प्रशासनिक एवं पुलिस का दुरुपयोग के तथ्यों से आयोग को अवगत किया। @ECISVEEP से अपेक्षा और उम्मीद है की काउंटिंग के दिन मतदान के दिन जैसी स्तिथि निर्मित न हो। यह मप्र और प्रजातंत्र के भविष्य का चुनाव है। @varuntankha @OfficeOfKNath
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— Vivek Tankha (@VTankha) November 6, 2020
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल, दिग्विजय सिंह, विवेक तन्खा और मुकुल वासनिक की ओर से चुनाव आयोग को ज्ञापन दिया गया है कि मतगणना व्यवस्था को चाक-चौबंद किया जाए. डाक मतपत्र और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा व्यवस्था को सख्त रखा जाए. जिस तरह मतदान को लेकर स्पष्ट गाइडलाइन जारी की गई थी, वैसी ही मतगणना को लेकर जारी की जाए. उम्मीदवार को मतगणना के लिए लाई जाने वाली वोटिंग मशीन की जांच करने की अनुमति दी जाए और उसकी संतुष्टि को रिकॉर्ड किया जाए. हर मतगणना चक्र के परिणाम का सत्यापित प्रपत्र दिया जाए.
शुक्रवार को शाम पांच बजे वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कांग्रेस के नेताओं ने चुनाव आयोग के साथ संवाद किया था. इस दौरान दिग्विजय सिंह और विवेक तन्खा ने मतगणना की व्यवस्था को लेकर मुद्दे उठाए. मतदान के दिन जौरा और सुमावली में भाजपा प्रायोजित हिंसा और पुलिस के दुरूपयोग की बात उठाते हुए कहा कि मतगणना के दिन ऐसी स्थिति न बने. यह चुनाव मध्य प्रदेश और प्रजातंत्र के भविष्य का चुनाव है.